उत्तराखंड के तेरह जनपदों में शामिल पौड़ी गढ़वाल के उन 43 गांवों के नाम बताने की आवयकता नहीं है लेकिन यहां इन गांवों ने प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। चिंता का कारण यह है कि इन गांवों में लिंगानुपात में भारी गिरावट दर्ज की गई है। अब जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने इस नई दिक्कत पर मुख्य चिकित्साधिकारी को संबंधित ग्राम पंचायत की आशाओं का स्पष्टीकरण लेने निर्देश दिये हैं।
मुख्यालय में लिंगानुपात को लेकर संबंधित अधिकारियों की बैठक में डीएम ने कहा कि जिन गांवों में लिंगानुपात में भारी गिरावट पाई गई है वहां पुनः जांच कर आख्या प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के अंतर्गत लिंगानुपात को लेकर पूर्व में किए गए सर्वे के आधार पर 43 गांव में लिंगानुपात में भारी गिरावट पाई गई थी। सर्वे के आधार पर जनपद के समस्त 15 विकासखंड़ों में से जयहरीखाल व थलीसैंण ब्लाक का लिंगानुपात सही पाया गया था। जबकि 13 विकासखंड़ों के ग्राम पंचायतों में लिंगानुपात में गिरावट पाई गई, जिसमें सबसे अत्यधिक यमकेश्वर व बीरोंखाल हैं। जिलाधिकारी ने कम लिंगानुपात पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लिंगानुपात को लेकर जिला स्तरीय समिति का गठन करते हुए 43 गांव की सभी आशाओं की रिपोर्ट की जांच कर पुनः सर्वे करने व डाटा अपडेट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।