अगले वर्ष हरेला पर लगाए जायेंगे एक करोड़ फलदार पेड़ः सीएम त्रिवेंद्र


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजपुर रोड स्थित उत्तराखण्ड वन विभाग मुख्यालय में ई-आॅफिस कार्यप्रणाली का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि चमोली एवं पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जायेगा। बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। झाझरा में ‘आनंद वन’ सिटी फाॅरेस्ट को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने श्रीमती साधना जयराज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ई-आॅफिस प्रणाली को जल्द ही जिला एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाय। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की जो शुरूआत की उसके बेहतर परिणाम आज सबके सम्मुख हैं। राज्य में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। 37 आॅफिस, ई-आॅफिस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे। इसके लिए वन विभाग द्वारा अभी से तैयारियां शुरू की जाय। ये फलदार वृक्ष जंगलों में भी लगाये जायेंगे, जिससे जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में कम आयेंगे। जंगली जानवरों को आहार की उपलब्धता जंगलों में पूरी हो सके। राज्य में पिरूल पर जो कार्य हो रहा है, इसे और विस्तार देने की जरूरत है। पिरूल एकत्रीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा एवं विकासकर्ता द्वारा 1.5 रूपये प्रति किग्रा एकत्रकर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जायेगा, लेकिन इसका सबसे फायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एकत्रीकरण का कार्य एक अच्छा माध्यम बन रहा है।
मुख्य वन संरक्षक श्री जयराज ने कहा कि ई-आॅफिस प्रणाली गुड-गवर्नेंस की दिशा में एक अच्छी पहल है। वन विभाग द्वारा इस प्रणाली को जिला, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वन पंचायतों तक विस्तारित किया जायेगा। काॅर्बेट नेशनल पार्क में आॅनलाईन बुकिंग शुरू की गई है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। वन विभाग द्वारा रिजाॅर्ट्स में भी आॅनलाईन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त ने कहा कि ई-आॅफिस प्रणाली से फाइलों की ट्रेकिंग में आसानी के साथ ही लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है। सचिवालय के 37 आॅफिस, देहरादून एवं ऊधमसिंह नगर के कलक्ट्रेट, शहरी विकास विभाग एवं वन विभाग,उत्तराखण्ड इस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। अन्य विभागों को भी ई-आॅफिस प्रणाली से जोड़ने के लिए कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर वन विभाग के सलाहकारध् ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ. एस.एस.नेगी, अध्यक्ष वन पंचायत सलाहकार समिति श्री वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, पीसीसीएफ श्रीमती रंजना काला, श्री विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आईटी श्री नरेश कुमार एवं वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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