सिंगोरी न्यूजः पोखड़ा क्षेत्र में पशुपालकों पर आया संकट कब खत्म होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। यहंा एक अज्ञात बीमारी से 50 बकरियां मर चुकी हैं। पशुपालन विभाग के डाक्टरों ने बीमार चल रही बकरियों की जांच की और दवा समेत जरूरी एतिहात बरतने को भी कहा। पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने प्रभावित कास्तकारों को उचित मुआवजा व बकरियों का यथोचित उपचार की मंाग उठाई है।
गौरतलब है हाल में आई बीमारी के चलते विकास खंड पोखड़ा के बरसुंडखाल, धामीधार, छंया, खरल आदि गांवों में एक अज्ञात बीमारी ने कास्तकारों पर जमकर कहर बरपाया है। यहां दर्जनों की तादाद में बकरियां यकायक मर रही हैं। प्रभावित कास्तकारों में शामिल बरसुंडखाल के दिलवर सिंह ने बताया कि शुरू में बकरियों पर कंपन सा हुआ, उसके बाद नाक से पानी बहने लगा और यकायक एक के बाद एक बकरी मरती गई। यह इतनी तेजी से हुआ कि जब तक कुछ समझ में आता तब तक दर्जनोें बकरियों इस अज्ञात बीमारी की भेंट चढ़ चुकी थी। इस बीमारी में कास्तकार दिलवर सिंह, सोहन कुमार, हर्षवद्र्धन, बीरेंद्र सिंह की बकरियां मरी हैं। इन्हें बड़ा नुकसान हुआ हैं। बताया जा रहा है कि यहां कुछ संक्रमित बकरियां आई थी जिसके कारण यह बीमारी दूसरी बकरियों में भी फैल गई।
मौके पर गए मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डा एसके ंिसह ने बताया कि बाहर से यह एक वायरल डिजीज होती है। बाहर से लाई गई बकरियों पर यह बीमारी थी उसके कारण अन्य भी संक्रमित हो गई। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय टीम एक पखवाड़े तक प्रभावित क्षेत्र में कैंप करेगी। संक्रमितों को अलग किया गया है। जरूरी एहतिहात बरतने को कहा गया है। जल्द ही स्थिति नियंत्रित हो जायेगी।
पूर्व ब्लाक प्रमुख के मुताबिक सभी गांवों में जाकर पशु चिकित्सकों ने बकरियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उन्होंने जिलाधिकारी से वार्ता कर प्रभावित कास्तकारों का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। कहा कि यह वो लोग हैं जो कास्तकारी करके ही अपनी आजीविका चलाते हैं। बीमारी ने उनकी आजीविका का आधार ही छीन दिया है। उन्हें उचित मुआवजा मिले ताकि वह फिर से खड़े हो सकें। जो बकरियां बीमार हैं उनकी उचित देखरेख हो ताकि वह शीघ्र स्वस्थ्य हो सकें।
प्रभावित कास्तकारों नाम मृत बकरियों की संख्या
दिलवर सिंह 26
सोहन कुमार 11
हर्षवद्र्धन 5
वीरेंद्र ंिसह 8