सिंगोरी न्यूजः कोरोनाकाल ने सारे सांस्कृतिक कायदों को बदल कर रख दिया है। दिनचर्या के साथ रीति-रिवाज से कुछ पर बदलाव की छाया है। सांस्कृति इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब बार रावण अपने पुत्र मेघनाथ व भाई कुंभकर्ण के साथ नहीं बल्कि अकेले ही जलाया जाएगा। और उसकी विशालकाय देह को भी कई गुना छोटा कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक धर्मनगरी हरिद्वार श्री रामलीला कमेटी हरिद्वार ने यह निर्णय लिया है कि इस बार दशहरा पर बदलाव किए जायेंगे। सहरं प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते इस साल पुतला दहन के लिए कमेटी को सर्शत अनुमति दी है। यहां पिछले सालों तक 60 फीट ऊंचा रावण, 50-50 फीट ऊंचे मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला जलाया जाता था। पुतला बनाने वालों की टीमें भी करीब 35 दिनों तक पुतले बनाने में लगे रहते थे। लेकिन इस साल सिर्फ रावण का पुतला बनाया गया है और उसकी ऊंचाई भी मात्र छह फीट है। इस पुतला भी कमेटी भवन प्रांगण में जलाया जाएगा। और फेसबुक से लाइव प्रसारण होगा।