सिंगोरी न्यूजः प्रदेश सरकार और उसके मंत्रियों पर कैसे भरोसा किया जाए, एक परीक्षा तक यह ठीक से कराई नहीं जाती। वन आरक्षी परीक्षा घपले पर एनएसयूआई मुखर हो गई है। पदाधिकारियों ने कहा कि नकल की धांधली के चलते परीक्षा रद्द होनी चाहिए। और बेरोजगारों के भविष्य के साथ हुए इस खिलवाड़ की जिम्मेदारी लेते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। निर्णय लिया है कि विरोध स्वरूप 28 फरवरी यानी कल जिला मुख्यालय में जुलूस प्रदर्शन किया जायेगा। समस्याओं को लेकर बाकायदा डीएम का घेराव होगा। इसके लिए सभी छात्र एकजुट हो गए हैं।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष गौरव सागर, छात्रसंघ अध्यक्ष आस्कर रावत पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश में सालों बाद फारेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया हुई। लेकिन हैरानी देखिए उसका भी पेपर लीक हो गया। इसके बावजूद भी सरकार इस परीक्षा को रद्द नहीं कर रही है। कहा कि इसमें सेटिंग गेटिंग की गणित साफ दिख रही है। कहा कि सरकार द्वारा परीक्षा का रद नहीं किया जाना बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है। कहा कि अगर जरा भी शर्म हो तो वन मंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए। कहा कि जिला अस्पताल का निजिकरण करने के विरोध में व अस्पताल में जरूरी सुविधाओं को मुहैया करवाने, निर्माणाधीन बस अड्डे का ऑडिट सावर्जनिक करने व जल्द निर्माण करने, महाविद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों को जल्द भरने, छात्रवृत्ति घोटाले के सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी अनुशेष शर्मा के नेतृत्व में 28 फरवरी को कलेक्ट्रेट का घेराव कर सीएम को ज्ञापन भेजा जाएगा। वार्ता में छात्रसंघ कोषाध्यक्ष सचिन रावत, उपाध्यक्ष विमल कुमार, आयुष भंडारी, उपेंद्र रावत, शुभम रावत, सुमित रावत, मोहन, अमन, अतुल, शैलेंद्र आदि शामिल थे।