सिंगोरी न्यूजः भाजपा के पंद्रह लाख वाले शिगूफे को सालों बीत गए, अब लोग समझ गए हैं कि वह सिर्फ चुनावी फंडा था। लेकिन भीड़तंत्र में तो अफवाह में बड़ी ताकत होती है। ऐसा ही हुआ हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में। यहां की झुग्गी बस्तियों मंे सुबह एक अफवाह उड़ी कि सरकार की ओर से प्रत्येक खाते में पंद्रह लाख डाले जा रहे हैं। फिर क्या था। लोग दौड़ पड़े खाता खुलवाने पोस्ट आफिस।
एक तो भीड़ और दूसरा पंद्रह लाख मिलने का लालच। किसी ने भी न आव देखा ना ताव। इस होड़ मंे लोग भूल गए कि कोरोना से बचना है कि एक दूसरे से दूरी बनाकर रखनी है।
हैरानी तब अधिक बढ़ जाती है जब सोशल डिसटेंसिंग का पालन कराने वाली पुलिस जो वास्तव में कोरोना काल के योद्धा है। वह भी कुछ नहीं कर पाए। जबकि अलवत्ता पुलिस की चैकी उस पोस्ट आफिस के बगल से सटी हुई है, जहा पंद्रह लाख के लालच में बेहिसाब लोग उमड़ पडे। बाद में पुलिस आई जरूर लेकिन खाता खुलाने के लिए एक एक उपर चढ़ा देख वह करती भी तो क्या। हालांकि बाद में उन्हंे समझाया गया। और स्थितियां सामान्य हुई। लेकिन उमड़े सैलाब में शारीरिक दूरी का जो फार्मूला ध्वस्त हुआ है वह नुकसान को तो बढ़ाएगा जरूर।