वाकई साधुवाद के पात्र हैं डीएम पौड़ी

सिंगोरी न्यूुजः जनपद मंे एक अच्छा काम हुआ है। पहला अच्छा इसलिए कि यह ग्रामीणों की आर्थिकी से जुड़ी पहल है, और दूसरा इसलिए कि स्वयं जनपद के मुखिया जिलाधिकारी ने इसमें रूचि दिखाई है, तो इसमें लापरवाही और खानापूर्ति की उस कदर गुंजाइश नहीं रहेगी जिस तरह की सरकारी मशीनरी की कार्यशैली है उसकी परंपरा है। कार्यक्रम मेें जिलाधिकारी ने स्वयं निरीक्षण किया और प्रयासों को प्रोत्साहित भी किया। दूरस्थ क्षेत्रों में इस तरह की सक्रियता के लिए डीएम पौड़ी वाकई साधुवा के पात्र हैं।
जी हां यहां यानी डिग्री कालेज चैबट्टाखाल में अतिहिमीकृत लिंग वर्गीकृत जर्सी वीर्य से सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान द्वारा उत्पन्न संततियों की ‘वृहद् बछिया प्रदर्शनी‘ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। सीडीओ हिमांशु खुराना सहित अपर निदेशक पशुपालन डाॅ. प्रेम कुमार भी बतौर अतिथि रहे। विकासखण्ड पौखड़ा एवं एकेश्वर में संचालित जलागम योजना के तहत चिन्ह्ति ग्रामों से 56 बछियों का प्रदर्शन हुआ। उत्कृष्ठ कार्य करने वाले कास्तकारों को स्वयं जिलाधिकारी ने स्मृति चिन्ह् एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग एवं यूडीडब्ल्यूडीपी जलागम ग्राम्या-2 पौड़ी एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाये गये स्टाॅलों का निरीक्षण कर जानकारी ली तथा सामाग्री की पैकेजिंग पर ध्यान देने को कहा।


जिलाधिकारी ने लोगों को खेती के साथ-साथ पशुपालन से भी आजीविका को संवृद्ध करने पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम आयोजक विभागों के साथ-साथ सभी रेखीय विभागों के प्रयासों को सराहनीय बताया। कहा कि सभी विभागों के समूहिक प्रयासों से ही प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया जा सका है। उन्होंने ग्राम्या के अभिप्रेरकों के कार्यों को जनहित में बताया। कहा कि अभिप्रेरकों के माध्यम से ही सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान द्वारा उत्पन्न पशुओं की उत्कृष्ट प्रदर्शनी को आयोजित किया गया। यहां बताया गया कि पोखड़ा ब्लाक में विभाग द्वारा गर्भाधान के एक हजार के सापेक्ष 750 का लक्ष्य पूरा किया है, जिसमें 354 बछिया उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में पौड़ी जनपद ने पूरे प्रदेश में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। जबकि पूरे देश के सापेक्ष यह आंकड़ा करीब तीस फीसदी है, वहीं पौड़ी जनपद का करीब 44 फीसदी है। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर हुई समीक्षा में पशुपालन विभाग के कार्यों की खूब सराहना हुई है।


पशुपालन विभाग एवं उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना (यूडीडब्ल्यूडीपी) ग्राम्य-2, पौड़ी गढ़वाल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में विकासखण्ड पौखड़ा एवं विकासखण्ड एकेश्वर के अन्र्तगत जलागम योजना के तहत चिन्ह्ति गडरी, झलपाड़ी, चोपड़ा, वीणा मल्ली, वीणाधार, घंडियाल, मसमोली, मेलगांव, पौखड़ा, सकनौली आदि ग्रामों से 56 बछियों का प्रदर्शन किया गया। कृत्रिम गर्भाधान के तहत जलागम योजना के अन्तर्गत वि.ख. पौखड़ा में 26 तथा वि.ख. एकेश्वर में 36 ग्रामों को चिन्ह्ति किया गया है। योजना के तहत उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को जिलाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह् एवं प्रशस्त्री पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिनमें यूनिट अधिकारी ग्राम्या सत्यपाल सिंह रावत, गिरीश चन्द व उत्तम सिंह चैहान, ग्राम प्रभारी अब्वल सिंह चैहान, उद्यान विशेषज्ञ सतीश भट्ट, फैसिलीटेटरमेनका बडोला, विजयलक्ष्मी, पूजा, जयन्ती व भुवनेश्वरी, मोटीवेटर राजेश्वरी, रेखा देवी, बसंती देवी सहित सुशील कुमार, रितेष विनवाल, हर्षमोहन नेगी, बृजमोहन नेगी, डाॅ. धीरज अधिकारी, आलोक खंडूरी, डाॅ. सतीश चन्द्रा शामिल हैं। पशुपालकों को पशुओं की उत्तम नस्लों की तकनीकी जानकारियां दी गई।
इस मौके पर ब्लाॅक प्रमुख एकेश्वर नीरज पांथरी, पौखड़ा प्रीति देवी, उपजिलाधिकारी चैबट्टाखाल मनीष सिंह, पौड़ी अंशुल सिंह, उप परियोजना निदेशक यू.डी.डब्लू.डी.पी. ग्राम्या-2 डाॅ. डी.एस. रावत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एस.के.सिंह बत्र्वाल, मुख्य कृषि अधिकारी डी.एस. राणा, बीडीओ एकेश्वर सुमन रावत, फार्मेसिस्ट पौखड़ा डाॅ. सुशील कुमार सहित नवनिर्वाचित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि, पशुपालक, पत्रकार बन्धु एवं आम जन मानस मौजूद थे।

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