सल्ट उपचुनाव: सहानुभूति के साथ रणनीति कौशल ने दिलाई जीत

सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी महेश जीना को 4700 मतों से जीत हासिल हुई है। जीत के अंतर का यह आंकड़ा एक अच्छा खासा आंकड़ा है। जबकि स्वयं स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना भी प्रचंड मोदी लहर के बावजूद जीत का अंतर इतना नहीं रख पाए थे। यहां पर जीत के लिए कांग्रेस ने भी पूरी ताकत जम रही थी।

विपरीत परिस्थितियों में मिली इस जीत के लिए सर यह जीना के प्रति सहानुभूति के साथ यहां के चुनाव प्रभारी रहे उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत की भूमिका बेहद अहम रही है। पार्टी और संगठन के बीच सेतु का काम करने वाले डॉ रावत पूर्व में भी कई बार चुनावों में बेहतर रणनीतिकार साबित हुए हैं। संघ के वोटरों ने एक बार फिर उनके बेहतर प्रबंधन पर मुहर लगा दी है।

गौरतलब है कि अल्मोड़ा जनपद के अंतर्गत आने वाली सल्ट विधानसभा सीट जब पूर्व विधायक स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के दुखद निधन के बाद रिक्त हुई तो कयास लगा ये जा रहे थे कि पार्टी वहां किसे चुनाव लड़ाएगी। हालांकि देखा गया है कि अक्सर उपचुनाव में दिवंगत हुए नेताओं के परिजनों को ही सहानुभूति मिलती रही है। लेकिन इस बार स्थितियां कुछ अजीब इसलिए भी थी क्योंकि स्वर्गीय जीना की धर्म पत्नी भी कोरोना महामारी से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार चुकी थी। और बालक उनका अभी छोटा है। जाहिर तौर पर कांग्रेस के लिए यह है मौका भी दिखा।

भाजपा के समक्ष एक समस्या यह थी कि वह इस सीट पर किसे लड़ाए। हालांकि सुंदर सिंह जीना के बड़े भाई महेश जीना सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। लेकिन जिस हिसाब से कांग्रेस ने वहां इस उपचुनाव में अपनी पार्टी प्रत्याशी गंगा पंचोली को जिताने के लिए बिसात बिछाई उससे महेश जीना को सहानुभूति के बावजूद भी वह सीट निकालनी आसान नहीं थी। बताया जाता है कि इस सीट पर विधानसभा के उपचुनाव में टिकट को लेकर काफी माथापच्ची हुई।
जीत के हिसाब से यह सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह के सामने यह पहला चुनाव था। यानी यह उनकी पहली परीक्षा थी। इसे जीतना या हारना किसी पहली परीक्षा को पास करना या उसमें फेल हो जाना जाता था। उनके लिए जरूरी भी था।
हाल के दिनों में भाजपा के अंदर जो उठापटक हुई उसे लेकर कांग्रेसी भी पूरी तरह से लाभ लेने की फिराक में थी। कॉन्ग्रेस भाजपा के अंदर बनी स्थितियों को ताड़ कर इसका लाभ लेने की पूरी रणनीति तैयार कर चुकी थी।
ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और संगठन और सरकार के बीच कई बार समन्वय स्थापित करने तथा चुनावी रणनीति कौशल के लिए जाने जाने वाले डा धन सिंह रावत को सल्ट विधानसभा उपचुनाव का प्रभारी बना दिया। उसके बाद डॉ रावत ने सल्ट में ही कुछ दिन कैंप किया। और पूरे मनोयोग के साथ वहां स्थिति संभाली।
तब डॉक्टर धन सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि सल्ट विधानसभा में उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी महेश जीना 5000 मतों से विजई होंगे। आज 2 मई को प्रणाम आया तो भाजपा प्रत्याशी को 4700 मतों से जीत मिली है।
बात 2017 के विधानसभा चुनाव के करते हैं कि जब पूरे प्रदेश में मोदी के नाम की सुनामी चली। भाजपा का हार मान चुका श प्रत्याशी भी बड़े मतों से जीत गया था। तब सल्ट में कांग्रेश प्रत्याशी गंगा पंचोली ने भाजपा के प्रत्याशी स्वर्गीय सुरेंद्र जीना को कड़ी टक्कर दी थी और उस लहर में भी जीना मात्र 3000 वोटों से विजयी हुए थे।

कुल मिलाकर अल्मोड़ा के सल्ट विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए सहानुभूति के साथ ही चुनाव प्रभारी डॉक्टर धन सिंह रावत के रणनीतिक कौशल ने कमाल कर दिखाया। और विपरीत परिस्थितियों में भी यह सीट फिर से भाजपा की झोली में आ गई।

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