सिंगोरी न्यूजः विकास खंड खिर्सू के अंतर्गत आने वाले राजकीय इंटर कालेज कठूली समेत क्षेत्र के अन्य स्कूलों की व्यवस्थाओं पर अभिभावकों की पूरी दखल रहेगी। सिंगोरी की पंचायत प्रधान सरोजनी देवी ने परिक्षेत्र में आने वाले जीआईसी कठूली, प्राथमिक विद्यालय व कन्या जूनियर हाईस्कूल में जाकर प्रधानाचार्य व शिक्षकों से व्यवस्था सुधार में सहयोग की अपील की। ऐसा पहली बार देखा गया है कि किसी पंचायत प्रधान ने निर्वाचित होने पर सबसे पहले अपने गांवों के स्कूलों के सिस्टम को व्यवस्थित करने की पहल की हो। इस कदम से अभिभावकों में भी सक्रियता देखी गई है।
गौरतलब है कि कठूली में तीन राजकीय प्राथमिक विद्यालय, एक कन्या जूनियर हाईस्कूल व एक राजकीय इंटर कालेज है। इन स्कूलों कठूली समेत आसपास के क्षेत्रों के नौनिहाल शिक्षा हासिल करने आते हैं। लेकिन स्कूल में पढ़ाई के स्तर व अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर शिकायतें आती रही हैं। इसमें सरकार का सिस्टम कितना जिम्मेदार रहा और यहां पढ़ने वाले पाल्यों के अभिभावकों की अनदेखी व उदासीनता का क्या प्रभाव रहा इस पर तो समय की दर्प पड़ गई लेकिन नई व्यवस्थाओं में जो उर्जा दिख रही है उससे लगता है कि लचर सिस्टम पर कुछ लगाम जरूर लगेगी।
सरकारी स्कूलों में अक्सर यह भी देखा गया है कि छात्र छात्राओं के अभिभावक ही अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं रहते। उनका बच्चा ठीक से स्कूल जा रहा है, नहीं जा रहा है, वहां पढ़ाई हो रही है या नहीं, इससे कम ही अभिभावक मतलब रखते हैं। सरकारी शिक्षा की बदहाली के लिए अभिभावकों की यह अनदेखी भी काफी हद तक जिम्मेदारी रही है। इसके चलते सरकारी सिस्टम भी उस जिम्मेदारी से काम नहीं करता जितना होना चाहिए। इस तरह की शिकायतें भी आम रही हैं। सिंगोरी की पंचायत प्रधान सरोजनी देवी ने सभी स्कूलों में पढ़ने वाले पाल्यों के अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीर रहें। उनकी लापरवाही बच्चों के भविष्य से खेलने के समान है। उनक प्रयास रहेगा कि हर परेंट्स को उसकी इस अहम जिम्मेदारी के प्रति जागरूक किया जाय। इससे स्कूल का सिस्टम भी व्यवस्थित रहेगा और बच्चे भी सही मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। पंचायत प्रधान के इन प्रयासों से उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले दिनों में कठूली परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्कूलों मंे अध्ययनरत छात्र छात्राओं के अभिभावक अपने पाल्यों के भविष्य के प्रति गंभीर रहेंगे। जिम्मेदार बनेंगे। सरकारी सिस्टम पर उनकी निगरानी भी रहेगी।