सिंगोरी न्यूजः क्रिकेट के मैदान में जो खिलाड़ी हारी हुई बाजी जिताने का माद्दा रखता हो उसे भरोसेमंद बल्लेबाज कहा जाता है। हमें गर्व है कि हमारे देश की टीम में भी कई ऐसे बल्लेबाज हुए जिन्हें अपने अपने समय में भरोसेमंद कहा जाता रहा। लेकिन जो जिंदगी की हारी हुई बाजी को जीतने का माद्दा रखते हैं। और हारी हुई बाजी को अपने हौसले से जीतकर दिखाते हैं वह समाज के लिए प्ररेणा बनते हैं। इन्हीं जिंदगी की बेहद पथरीली पिच के भरोसेमंद बल्लेबाजों में सुमार हैं पौड़ी के कांता प्रसाद, जिन्हें कांता भाई के नाम से अधिक जाना जाता है।
इस खबर में तहेदिल से शुक्रिया क्रिकेट आयोजन समिति सणखेतू, कोट ब्लाक पौड़ी गढ़वाल का भी करना पड़ेगा, जिन्होंने सीमित संसाधनों के चलते गांव में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया और जिंदगी की पथरीली पिच पर अपने हौसले और हिम्मत के साथ रन बनाते हुए जीत हासिल करने वाले कांता भाई को टूर्नामेंट के शुभारंभ का अवसर दिया। टूर्नामेंट के उद्घाटन के लिए पूरे जोशो खरोसे के साथ मैदान में आते कांता भाई को जिसने में भी देखा, तालियों की गड़गड़ाहट के लिए हाथ खुद ब खुद उठते गए। बता दंे कि कांता भाई दिव्यांग जरूर है, लेकिन उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि अपने दम पर वह दूसरों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। आज उन्हें एक सफल व्यक्ति के तौर पर देखा जाता है। उनके संघर्ष की महागाथा उनके हौसलों में साफ झलकती है।
बहरहाल समिति के अध्यक्ष नेत्र सिंह रावत की ओर से सक्षम (सम दृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुसांगिक संगठन ) पौड़ी को आमन्त्रित किया गया। जिसके तहत सक्षम प्रांत युवा प्रमुख दिनेश बिष्ट, नरेन्द्र प्रसाद टम्टा, नगर अध्यक्ष कांता प्रसाद व कोट ब्लाक रोजगार प्रमुख श्री हरीश पंवार खिलाड़ियों के उत्साह वर्द्धन को पंहुचे।मैच में जामला की टीम ने सणखेतू की टीम पर 7 विकेट से विजय हासिल की । इस मैच में श्री सोनू मैन ऑफ द मैच रहे । सक्षम द्वारा विजेता व उपविजेता टीम को पुरस्कृत किया गया साथ ही आयोजन समिति को भी आर्थिक सहयोग किया गया । ओपनिंग बल्लेबाजी कांता प्रसाद तथा बाॅलिंग दिनेश बिष्ट ने की। 22 गज लंबी पिच पर विकेट के आगे अपने अंदाज में खड़े विपरीत परिस्थितियों के विजेता कांता प्रसाद ने जैसे ही बल्ले से गेंद पर शाॅट लगाया, पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सच में ऐसा शाॅट किसी बड़े से बड़े टूर्नामेंट या बड़े से बड़े खेल स्टेडियम में शायद ही लगा हो।