सिंगोरी न्यूजः ठगी के मामले में एक पूर्व मंत्री को जेल जाना पड़ेगा। 10 करोड़ की संपत्ति पर फर्जी वसीयत बनाकर 35 एकड़ जमीन को अपने नाम करवाने के मामले में अदालत यह ने यह फैसला सुनाया है। आरोपी यूपी के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश हैं। उत्तराखंड सिविल जज सीनियर डिवीजन रूद्रपुर ने उन्हें दोषी करार देते हुए करते सजा सुनाई है। मामले के अन्य आरोपियों को अंतरिम जमानत मिली है।
मामला वर्ष 2014 का है जब यूपी के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह, उनकी पत्नी गीता, पुत्र शिववर्धन व पुत्रवधू निधि सिंह समेत पूर्व शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र बहादुर सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह, पुत्रवधू शिखा सिंह व वसीयत गवाह नवनाथ तिवारी, प्रेम नारायण सिंह के खिलाफ फ्राड का मामला लिखा गया।।
कथानक के अनुसार आजाद हिंद फौज के सिपाही रामअवध सिंह आजादी के बाद पुलिस में भर्ती हुए और डिप्टी एसपी के पद से रिटायर हुए थे। स्वतंत्रता संग्राम सैनानी को उत्तर प्रदेश सरकार ने रुद्रपुर के बागवाला गांव में 50 एकड़ भूमि आवंटित की थी।
10 जून 1999 को रामअवध की मृत्यु के बाद प्रभावती जो उनकी पुत्री है के नाम वह संपति आ गई। भूमि विरासतन चकबंदी न्यायालय की प्रक्रिया के अधीन उनके नाम दर्ज हुई। प्रभावती की शादी दूसरी जगह हो चुकी थी। अब वह इस अपनी संपति की देखरेख का ेनहीं आ सकी।
इन्हीं परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए फर्जी वसीयतनामा तैयार कर उक्त जमीन को उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह ने अपने नाम करा लिया।
बाद में इसका पता चला। मामला परत दर परत खुलता गया। शिकायतों पर भी सुनवाई नहीं हुई। लेकिन आखिरकार तीन मई 2014 पुलिस ने केस दर्ज किया। 17 जून 2016 को चार्जशीट आई। धारा 420, 467, 468, 471, 504, 506, 342 व 120 बी में पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की थी।सिविल जज सीनियर डिवीजन ने सजा सुनाई।