सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य सृजन के बारे में आज की किताब का नाम उमाळ है। ये प्रयास तब हुए जब संसाधनों का अभाव था। रचनाओं का प्रकाशन एक तरह से नामुकिन सा था। साहित्य के इन साधकों की सृजनशीलता को नमम!
पुस्तकः उमाळ कविता संग्रह
लेखकः प्रेमलाल भट्ट
प्रकाशन वर्षः 1979 राजेश प्रकाशन, नई दिल्ली