सिंगोरी न्यूजः शराब विरोधी आंदोलन में मुकदमा झेल रहे पूर्व राज्य मंत्री सरिता नेगी समेत सभी आंदोलनकारियों को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है। इन पर शराब की दुकान में अवरोध करने, बलवा, गाली गलौज और धमकी देने के आरोप थे। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीनगर अमित कुमार की अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
कथानक के अनुसार वर्ष 2017 में न्यायालय के आदेश के बाद बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से दुकान को अलकेश्वर मंदिर के समीप शिफ्ट कर दिया गया था। दुकान के समीप गोशाला और मंदिर होने की वजह से इसके विरोध में लोगों ने आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन में शिरकत करने वाली पूर्व राज्य मंत्री सरिता नेगी, अधिकवक्ता अशोक बिष्ट, समीर रतूड़ी, प्रेम बल्लभ नैथानी, पीबी डोभाल, पूनम कैंतुरा, मुकेश सेमवाल, अतुल सती, रेशमा, नवीन नौटियाल, आयुष मियां, राजेश्वरी जोशी, सुरजी उनियाल, यशोदा खंडूड़ी, देव सिंह नेगी, खेम सिंह चैहान, शिवानी पांडेय, भारती जोशी, पूजा भंडारी, सरला, उर्मिला बिष्ट, विमला बलूनी व उत्तम भंडारी के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था, कि आरोपी निर्धारित स्थान पर शराब की दुकान नहीं खुलने दे रहे हैं। जब उनसे हटने का अनुरोध किया गया, तो गाली गलौज की गई। 9 जून को जब प्रशासन के हस्तक्षेप से दुकान खुल गई, तो उन्होंने ग्राहकों का रास्ता रोक लिया। विवेचना उपरांत चार्जशीट न्यायालय प्रेषित की गई। बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।