जल जीवन मिशन के दूसरे चरण में 96.70 प्रतिशत प्रगति
एक लाख 10 हजार 721 पेयजल कनेक्शन दे चुके हैं विभाग
सरकार की हर घर में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के मकसद से चलाई जा रही जल जीवन मिशन में व्यक्तिगत पौड़ी जिला जल संयोजन पूरे प्रदेश में अव्वल चल रहा है। अभी तक जिले में 1,10,721 कनेक्शन दिए गए हैं। जो कि लक्ष्य का 99.99 प्रतिशत है। वहीं, योजना के दूसरे चरण का कार्य भी 96.70 प्रतिशत हो चुका है।
हर ग्रामीण के घर में व्यक्तिगत कनेक्शन के जरिए साफ पानी पहुंचाने के मकसद से केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-20 में जल जीवन मिशन शुरू किया। उत्तराखंड सरकार के प्रभावी क्रियान्वयन से मिशन अंतिम चरणों में है। योजना का संचालन दो चरणों में हुआ है। प्रथम चरण में प्रत्येक घर में पानी के कनेक्शन दिए गए। जबकि दूसरे चरण में पानी की आवश्यकता का आकलन करते हुए योजनाओं पर पानी की मात्रा बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पौड़ी जिले में मिशन के अंतर्गत 1,10,723 कनेक्शन दिए जाने थे। इनमें से 1,10,721 कनेक्शन दिए जा चुके हैं। मात्र दो कनेक्शन जल निगम कोटद्वार शाखा की ओर से दिए जाने हैं। रिपोर्ट के अनुसार पौड़ी जिला 99.99 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है।
स्वजल परियोजना प्रबंधक दीपक रावत का कहना है कि मानक के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर पानी प्रतिदिन एलपीसीडी दिया जाना है। इसी के अनुसार द्वितीय चरण में जनसंख्या और खपत को देखते हुए योजनाओं के संरक्षण और निर्माण का कार्य किया गया। इसके तहत 2,575 पेयजल योजनाओं का सुदृढृीकरण कार्य किया जा रहा है। इसमें से 2,490 योजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है। 85 योजनाओं पर कार्य चल रहा है। इनका कार्य भी शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।
—गांव की समिति स्वयं करेंगी शुद्धता की जांच
गांवों में योजनाओं के रख रखाव के लिए पेयजल उपभोक्ता समितियों का गठन किया गया है। समिति को कार्यदायी संस्थाओं की ओर से पानी गुणवत्ता मापने के लिए किट दी गई है। स्रोत से साफ पानी टैंक तक पहुंचे, इसके लिए फिल्टर चैंबर बनाए गए हैं। साथ ही जल संस्थान की लैब में स्रोतों से निकलने वाले पानी की कैमिकल और बैक्टीरियोफेज जांच कराई गई है। स्रोतों को जियो टैग किया गया है।
—थर्ड पार्टी निरीक्षण चल रहा
जल जीवन मिशन के तहत कराए गए कार्यों का थर्ड पार्टी निरीक्षण किया जा रहा है। तीन एजेंसी जिले में इस कार्य को कर रही हैं। एजेंसियों की ओर से लगाई गई आपत्तियों का निराकरण करने के पश्चात रिपोर्ट भेजी जा रही हैं।