सिंगोरी न्यूजः संकट की इस घड़ी मंे कर्मचारी संगठन भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हो गए हैं। वह अपना एक दिन का वेतन कोरोना के खिलाफ जंग के लिए दे रहे हैं। उससे लगता कि सूबे का प्रत्येक कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम व बचाव में आर्थिक मदद करेगा। और यह कर्मचारियों की ओर से बहुत बड़ा संदेश होगा।
गौरतलब है कि बेमियादी हड़ताल के चलते कर्मचारियेां ने सरकार के सामने एक बड़ी परेशानी खड़ी कर दी थी। कहीं पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था समाप्ति को लेकर कर्मचारी संड़कों पर दिखे तो कहीं व्यवस्था को यथावत रखने की मंाग को लेकर। ाखैर लड़ाई अपनी जगह थी। फैसला जहां हुआ वह कर्मचारियों के हिसाब से बड़ी छोटी हो सकती है लेकिन कुल मिलाकर था आपस की खींचतान थी। लेकिन गत दिनों हुए उस अंादोलन सरकार को तारे तो दिखा ही दिए थे।
लेेिकन कोरोना संकट में कर्मचारियों की ओर से सहयोग का जो उदाहरण दिया जा रहा है वह तारीफ के काबिल है। कई कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करने को लेकर मुहिम छेड़ दी है। सोशल मीडिया की साइटें फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाॅटसअप, ट्विटर इस तरह के संदेशों से पटे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सचिवालय के कई कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के खाते में एक दिन के वेतन के बराबर धनराशि ट्रांसफर कर दी है। जनरल ओबीस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि सभी पदाधिकारियों, हाईपावर संयोजक मंडल के सदस्यों व समस्त कर्मचारियों से अपील की गई है कि वे अपना एक दिन का वेतन देकर सरकार को सहयोग करें। मुख्य संयोजक सीताराम पोखरियाल ने बताया कि संगठन की ओर से भी सभी को एक दिन का वेतन सहयोग करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही व्यक्तिगत रूप से भी साथियों से अनुरोध किया जा रहा है। सभी लोग स्वेच्छा से इस काम में सहयोग कर रहे हैं।