सिंगोरी न्यूजः श्रीनगर क्षेत्र के विधायक और वर्तमान में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा धन सिंह रावत जल्द कैबिनेट से नवाजे जायेंगे। बताया जा रहा है कि इसके लिए दून से लेकर दिल्ली तक तैयारी पूरी हो चुकी है। इन दिनों डा धन सिंह दिल्ली चुनाव में हैं। हालांकि पावर के लिहाज से देखा जाए तो वह कैबिनेट में बैठे अन्य मंत्रियों से कई भारी दिखते हैं। और तो और लंबे समय बाद सूबे में एक ऐसा नेतृत्व उभर रहा है जिसमें लोग राष्ट्रीय नेतृत्व की क्षमता देखने की बात कर रहे हैं।
गौरतलब है कि डा धन सिंह रावत वर्तमान में प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जरूर हैं लेकिन उनकी रूतबा यहां के मंत्रिमंडल में शामिल कैबिनेट मंत्रियों से भी कहीं ऊपर है। वर्ष 2017 में जब धनदा श्रीनगर विधान सभा से चुनाव जीत कर आए तो तब कयास लग रहे थे कि उन्हें कैबिनेट मिल जायेगा। लेकिन सक्रिय राजनीति में एक लिहाज से उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर सीखने का प्रयास किया। और वह उसमें सफल भी हुए।
बात चाहे वन, पर्यटन कृषि जैसे महकमों के मंडलीय या जनपदीय अधिकारियों से लेकर शासन के अधिकारियों तक या फिर कृषि, राजस्व, लोनिवि समेत अन्य विभागों के छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक सब पर डा रावत का पूरा जोर चलता है। इस पर श्रीनगर विधान सभा के लोगों और खासतौर पर वोटरों को गर्व करना चाहिए कि उनके विधायक की राज्यमंत्री होने के बाद भी शासन और सरकार में तूती बोलती है।
हाल ही में खिर्सू में हुए बासा होम स्टे का लोकार्पण हुआ। उसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शिरकत करनी थी, लेकिन वह नहीं आए। मौसम को कारण बताया गया लेकिन राजनीति के जानकारों की राय में वह ठोस कारण नहीं था। मौसम इतना भी खराब नहीं था कि देहरादून से खिर्सू ना पहुंचा जा सके। इतना हीं नहीं होम स्टे के उद्धाटन में पर्यटन के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज तक नहीं आए। मुख्यमंत्री से लेकर पर्यटन मंत्री तक दायित्व डा धन सिंह ने निभाए। ढिकालगांव पंपिंग पेयजल योजना का लोकापर्ण व कई योजनाओं का शिलान्यास भी किए। मुख्यमंत्री ने फोन पर अपनी असमर्थता जताई और फिर कभी आने का भरोसा दिया। इस कार्यक्रम में भी संदेश साफ गया कि सीएम की जगह डा धन ंिसह रावत हैं। सारे कार्य पूरे विधान और उत्साह से निपटाए गए।
बहरहाल अब सरकार के इस पावरफुल शख्सियत के बारे में चर्चा है कि जल्द ही उन्हें कैबिनेट का दर्जा मिल जायेगा। वैसे भी वो जिम्मेदारियां यहां के कैबिनेट मंत्रियों से भी कई भारी उठा ही रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार के मंत्री मडल की बात करें तो वर्तमान में तीन पद तो खाली चल ही रहे हैं। इसमें एक सीट पर डा धन सिंह को बैठना तय है। उनकी टीम के लोग भी इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। हाल ही में श्रीनगर क्षेत्र में पपड़तोली समेत तीन झीलों की स्वीकृति करा कर डा धन सिंह ने अपनी विधान सभा कमजोर होती पकड़ को काफी हद तक फिर से संभाल लिया है।
उनकी ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जाता है कि अधिकांश विभागों के अधिकारी यमुना काॅलोनी में उनके दरवार में ज्यादा दिखाई देते हैं। जबकि अन्य कैबिनेट मंत्रियों की चैखट ज्यादातर सूनी ही रहती है। कुछ लोग तो उन्हें निकट भविष्य में सूबे के मुखिया की सीट पर देखने का भी अनुमान लगा रहे हैं। हाल में सोशल मीडिया में भी डा धन सिंह छाए हैं। इसके अलावा संगठन और अन्य संवैधानिक पदों पर भी डा धन सिंह का रूतबा साफ दिखता है। केंद्र में भी प्रदेश के किसी नेता की सीधी पहुंच या पहचान है तो वह एकमात्र धनदा ही हैं। आने वाले दिनों में और बेहतरी के लिए श्रीनगर के विधायक व वहां के वासिंदों को बधाइयां।