सिंगोरी न्यूजः बगैर किसी लाग लपेट के उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड से हटाए जाने के बाद वन मंत्री डा हरक सिंह रावत ने आज कहा कि वे 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। पार्टी हाईकमान के आदेश उपर रहेंगे।
गौरतलब है कि बीते दो दिन पहले शासन ने वन मंत्री को भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया और बोर्ड के अध्यक्ष श्रम मंत्री हरक सिंह रावत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह की ताजपोशी की गई। अक्सर विंदास रहने वाले डा हरक को लगता इस बार शासन की कार्रवाई से खासा फरक पड़ गया है।
जब से कबीना मंत्री बोर्ड के अध्यक्ष बने तबसे करीब तीन साल का समय बीत चुका है। इस बीच उन पर कई आरोप लगे और घटिया साइकिलें व अन्य सामान वितरित करने का आरोप भी सुर्खियांे में रहा। बावजूद इसके ऐसा लग रहा था कि सब ठीक चल रहा है। लेकिन जिस तरह से हरक सिंह को बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया गया वह सबको हैरान कर गया। बोर्ड के पुनर्गठन की उन्हें भनक तक नहीं लगी। आज उन्होंने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि 2022 का विधान सभा चुनाव वह नहीं लड़ेंगे। इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
बहरहाल यह भी बता दें कि हरक सिंह रावत 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार से बगावत कर नौ अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे।