संकल्प से शिखर तक: बीना शाह की 12 साल की मेहनत रंग लाई

संकल्प से शिखर तक: बीना शाह की 12 साल की मेहनत रंग लाई

 

देहरादून: पश्चिम बंगाल की बीना शाह ने लॉन बॉल (महिला सिंगल्स) में गोल्ड जीतकर पूरे देश को गर्व महसूस कराया।

जब बीना शाह ने 38वें राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक अपने गले में डाला, तो उनकी आंखें नम थीं। यह सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि 12 साल की मेहनत, संघर्ष और समर्पण का नतीजा था। इससे पहले वह दो बार सिल्वर जीत चुकी थीं, लेकिन इस बार उनका सिर्फ एक ही लक्ष्य था—गोल्ड। और इस बार वह अपने इरादे में सफल रहीं।

38वें राष्ट्रीय खेल की टैगलाइन “संकल्प से शिखर तक” बीना की यात्रा पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उन्होंने अपने खेल के प्रति जो संकल्प लिया था, उस शिखर तक पहुंचकर दिखाया।

खेल से जुड़ाव और कठिन सफर

बीना शाह के लिए लॉन बॉल सिर्फ एक खेल नहीं हैं बल्कि जुनून है। यह खेल भारत में अभी लोकप्रिय नहीं हैं, लेकिन बीना जैसी खिलाड़ियों ने इसे पहचान दिलाने के लिए लगातार मेहनत की है।

उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन और खिलाड़ियों के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी सराहना की।

नई पीढ़ी के लिए उम्मीद की किरण:

बीना शाह की यह जीत सिर्फ उनका व्यक्तिगत गौरव नहीं है, बल्कि उन हजारों खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है जो आगे बढ़ना चाहते हैं। उनकी जीत यह कहती है कि अगर इरादे मजबूत हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

जब बीना पोडियम से उतरीं, तब उनके हाथ में सिर्फ गोल्ड मेडल नहीं था, बल्कि एक ऐसी कहानी थी, जो आने वाली पीढ़ियों को हौसला देती रहेगी।

About The Singori Times

View all posts by The Singori Times →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *