सिंगोरी न्यूजः कोरोना महामारी के बीच सत्ता के गलियारों से एक अच्छी खबर आई है। अब सूबे में मनरेगा के तहत काम करने वालों को सौ दिन की जगह कम से कम 200 दिन तक काम मिल सकता है। अभी यह प्रस्ताव राज्य ने केंद्र को भेज दिया गया है। खबर है कि इसमें खेती किसानी के कामों का भी प्रावधान भेजा गया है। यदि ऐसा हुआ तो अपने ही खेतों में काम करने पर भी धियाड़ी मिलने लगेगी।
वर्तमान समय की बात करें तो प्रदेश में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा की तहत कम से कम एक सौ दिन का रोजगार उन ग्रामीणों को मुहैया कराए जाने का प्रावधान है जिनके ग्राम पंचायत में जाॅब कार्ड बने हुए हैं। लेकिन एक सौ दिन मिलने वाले काम के दिनों को कई सामाजिक संगठनों के लोगों ने अपर्याप्त बताया। कहा कि सौ दिन यानी तीन माह का रोजगार और बाकी शेष दिन कोई क्या करेगा। खाली बैठा रहेगा। ऐसे में उसके परिवार का भरण पोषण भी संभव नहीं होगा। अब प्रदेश सरकार ने एक अच्छा कदम उठाया है। काम के दिनों को दोगुना करने को लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है।
शासन के सूत्र बताते हैं कि मनरेगा में दो सौ दिवस का काम हो ऐसा प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। साथ यह भी व्यवस्था करने की कोशिश की गई है कि इसमें खेती किसानी को भी जोड़ा जाय।
बता दें कि प्रदेश भर में अब तक मनरेगा के अंतर्गत पांच लाख से अधिक लोग काम करते हैं। ऐसे सरकार की कोशिश रहेगी कि वह ज्यादा ज्यादा से लोगों को मनरेगा में एडजस्ट कर सके। बहरहाल सरकार की यह कोशिश कोरोना के कारण बेरोगार हुए युवाओं के पुनर्वास के लिए कारगर साबित होगी।