सिंगोरी न्यूजः प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी इम्पलाईज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में जनरल ओबीसी इंप्लाईज एसोसिएशन के आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी पर यह आरोप लगे थे कि उन्होंने दायित्वों से इतर जाकर कुछ ऐसी टिप्पणी की थी, जिसे अशोभनीय और अस्वीकार्य माना जाता है। हालांकि तब स्थितियां फिर से व्यवस्थित हो गई थी। आंदोलन आगे बढ़ा और सफल भी रहा। लेकिन हाल ही में शासन ने नए आदेश जारी कर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ जांच बिठा दी है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के हस्ताक्षर से यह आदेश जारी हुए हैं। इसमें उक्त मामले की जांच गृह विभाग के अपर सचिव आईपीएस कृष्ण कुमार वीके को जांच सौंपी गई है। इन आदेशों से इससे कर्मचारी संगठनों में गुस्से का उबाल है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार द्वारा साजिश के तहत उनके नेता को फंसा रही है।
ये सरकार बहुत बड़ी भूल और चूक कर रही है, उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी इम्पलाईज एसोसिएशन और जनरल ओबीसी समाज पूरी तरह से जाग चुका है, आंदोलन केवल वैश्विक कोरोना महामारी बवअपक-19 के कारण और सरकार से समझौते के तहत स्थगित किया गया था, आंदोलन के बाद जहां एक ओर जनप्रतिनिधि अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे वही दूसरी ओर राज्य का हर कर्मचारी महामारी में अपनी ड्यूटी पर कार्यरत था जनरल ओबीसी के अध्यक्ष श्री दीपक जोशी जी द्वारा लगातार जनरल ओबीसी प्रदेश नेतृत्व होने वैश्विक महामारी में गरीब एवम असहाय लोगो की मदद करने हेतु स्वम् और पूरे कर्मचारियौ को भी प्रेरित किया गया। सरकार को चाहिये था कि श्री दीपक जोशी जी को पुरस्कृत करती परन्तु जांच करवा कर सरकार ने बहुत ही गलत कदम उठाया है।
कर्मचारी संगठनों ने जांच आदेश को निरस्त करने की मांग उठाई है साथ ही ऐसा ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।