सिंगोरी न्यूजः कोरोना महामारी के खतरे पर एहतियात बरतते हुए इस बार मां बाराही धाम देवीधुरा बगवाल की रस्म नहीं होगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब यह बग्वाल का आयोजन नहीं होगा। बता दे कि रक्षाबंधन के दिन बगवाल की रस्म निभाई जाती है। निर्णय यह भी हुआ है कि बगवाल वाले दिन देवीधुरा बाजार भी बंद रहेगा। प्रशासन ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।
अब स्थानीय लोगों व विधि विधान के जानकारों के समक्ष एक समस्या यह भी है कि सदियों पुरानी धार्मिक मान्यताओं वाले इस आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना जरूरी है। ऐसे मंे इस परंपरा को मान्यताओं के साथ ही प्रतीकात्मक तौर पर किया जाएगा। हर खाम के तीन-चार प्रतिनिधि एक साथ मां बाराही देवी की पूजा-अर्चना करेंगे।
बगवाल के स्थान पर हर खाम एक-एक फर्रे के साथ बारी-बारी से परिक्रमा करेगा। पूजा-अर्चना व मंदिर की परिक्रमा करने के बाद ये बगवाली वीर अपने घरों को चले जाएंगे। सामान्य रूप से बगवाल में चार (चम्याल, गहरवाल, लमगड़िया और वालिग खाम और सात तोकों के लोग पूर्णिमा के दिन पूजा-अर्चना के बाद फल-फूलों से बगवाल खेलते हैं। यह बग्वाल देश और दुनिया मंे प्रसिद्ध है। लेकिेन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यह आयोजन संभव नहीं होगा।
डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय का कहना है कि एहतियातन यह कदम उठाना इस बार जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब बाहरी लोगों की आवाजाही नहीं होगी, तो ऐसे में बग्वाल के अवसर पर बाजार सजाने का भी कोई औचित्य नहीं हैै।