सिंगोरी न्यूजः हाल में हुए खुलासे पौड़ी की जिला पंचायत कठघरे में आ खड़ी हो गई है। अपने कार्यकाल में पिछले अध्यक्ष महोदया ने वह कर दिखाया जो उन्हें भ्रष्टचारियों की पांत में खड़ा करता है। जिला पंचायत की पहली बैठक में भी पिछले भ्रष्टाचार पर आंखें चार हुई।
यहां बताया गया कि डायट चड़ीगांव में एक ही गूल के निर्माण, मरम्मतीकरण को लेकर 30 लाख खर्च कर दिए गए। यानी अंधेर नगरी में चैपटता ही हुई। मामले को पुख्ता करती एक बात और है कि कार्यालय के दस्तावेजों में 39 नंबर की एमबी दफ्तर से गायब बताई जा रहीह है। गत दिवस हुई पंचायत की बैठक में पिछले कार्यकाल में हुए सभी कार्यों की जांच की मांग भी उठाई। थैर सीट जिपं सदस्य गौरव रावत ने भी एक खुलासा किया, उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में निर्माण कार्यों की निविदाएं लखनऊ के अखबारों में प्रकाशित हो रही हैं। गढ़कोट सीट सदस्य संजय डबराल ने क्षेत्र में विकास कार्य पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से कराए जाने की मांग की। अंधेर नगरी चैपट राजा इसे ही कहते हैं कि एक कार्य तीन अगस्त 2019 को शुरू होता है और उसका संपूर्ण भुगतान 16 अगस्त को ही कर दिया जाता है। यह मसला डोभ-श्रीकोट सीट से जिला पंचायत सदस्य मेहरबान सिंह नेगी ने उठाया। अब स्वयं पंचायत सदस्य और आम जन भी पिछले कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यो पर अंगली उठाने लगे हैं।
ऐसे में साफ है कि आने वाले दिनों में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत जो मौजूदा वन मंत्री डा हरक सिंह रावत की धर्मपत्नी हैं उनकी और उनके निर्णयों में शामिल कारिंदों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।