जो आये श्रद्धा से वो ले जाये वरदान

कुछ इस तरह होता है मंदिर परिसर के रख रखाव को लेकर दिशा निर्देशन

सिंगोरी न्यूजः यूं तो नए साल का स्वागत सभी लोग अपने अपने हिसाब से करते हैं। कुछ लोग इसे अंग्रेजों का नया साल भी बताते हैं। इसमें अपनी अपनी राय और मंतव्य हैं। क्या किया जा सकता है। लेकिन जो भी हो नए में उल्लास का होना स्वाभाविक है। कहीं उत्सव होते हैं तो कहीं नए प्लान बनते हैं, कहीं ेबेहतर दिशा में चलने की कसमें खाई जाती हैं। लेकिन यहां हम आप को ऐसे समाजिक कार्य से अवगत कराते हैं जो वाकई में समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायी है। जहां नई पीढ़ी को संस्कार परोसे जाते हैं।

घंडियाल मंदिर परिसर में आयोजन की तैयारियों में जुटे लोग

तो आइए! आपको ले चलते हैं विकास खंड खिर्सू के कठूली गांव की सिंगोरी ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाले घण्डियाल के मंदिर परिसर में। सिंगोरी ग्राम पंचायत एक तोक हे मलधर। धण्टाकर्ण देवता उनका आराध्य है। मंदिर परिसर में इन दिनों यहां के भरत सिंह नेगी, पुरूषोत्तम सिंह, बुद्धि सिंह, सज्जन सिंह, त्रिलोक सिंह, प्रदीप नेगी आदि मंदिर परिसर की साफ सफाई व अन्य तैयारियों में जुटे हैं। नए साल के स्वागत में यहां लोगों ने खास आयोजन रखा है। कई सालों से यह कार्यक्रम होता आया है। साल के पहले दिन लोग घंडियाल मंदिर में एकत्र होते हैं। आराध्य के दर्शनों के साथ कीर्तन भजन यहां होते हैं। और समापन पर चाय पकाड़े आदि का आनंद यहां लोग उठाते हैं। जाहिर तौर पर यह कार्यक्रम यहां किसी उत्सव से कम नहीं होता।

घंडियाल मंदिर परिसर में आयोजन की तैयारियों में जुटे लोग


नए साल की पहली तारीख के लिए अभी चार दिन शेष हैं, लेकिन यहां लोग अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि नववर्ष के स्वागत अवसर पर यह खास कार्यक्रम इसलिए भी रखा गया है कि क्यों कि इससे मंदिर परिसर की साफ सफाई ठीक से हो जाती है। इसके अलावा खेतीबाड़ी का काम काज निपटाने के बाद पंचायत के सभी लोग एक जगह एकत्र हो जाते हैं। यह कार्यक्रम गांव में किसी मेले से कम नहीं होता। यहां आराध्य की पूजा होती है और नई योजनाओं पर चर्चा होती है। यानी कुल मिलाकर यहां गजब का उत्साह और उल्लास देखने को मिलता है।
उत्साह के पकवान बनाने के लिए कहीं भटिटयां लीपी जा रही हैं तो कहीं पकवान बनाने के लिए लकड़ियों का इंतजाम हो रहा है। यहां आपसी सौहार्द, आराध्य के प्रति श्रद्धा, बड़ों का आदर समेत सभी संस्कार भी परोसे मिलते हैं। तो आइए स्वागत है नववर्ष की पहले दिवस पर मलधर के घंडियाल में। जो आए श्रद्धा से वो ले जाये वरदान।

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