सिंगोेरी न्यूजः सूबे में सरकारी कर्मचारियों में आपसी टकराव बढ़ने को है। पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में कर्मचारी संगठन गढ़क्रांति जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर संघर्ष का बिगुल फूंक रहे है। वहीं एससीएसटी फैडरेशन ने पदोन्नति में भी आरक्षण दिए जाने के पक्ष में मुख्यालयों पर धरना दिया। धरना प्रदर्शन के बाद अपनी मांगों को लेकर सभी जनपदो ंसे जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन प्रेषित हुए।
राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां कर्मचारी परेड ग्राउंड एकत्र हुए। अपनी मांगों का यहीं धरना भी दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करम राम ने सभी कर्मचारियों से धरना स्थल पर एकत्रित होने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यहां धरना देने के बाद फेडरेशन की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों फेडरेशन ने प्रमोशन में आरक्षण और सीधी भर्ती के आरक्षण रोस्टर को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया था। आज से संघर्ष की शुरुआत हो गई है। उन्होंने बताया कि फेडरेशन अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। फेडरेशन की मांग है कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन प्रमोशन पर लगी रोक हटाती है। तो यह तभी मान्य होगा जब सरकार रोस्टर अनुसार डीपीसी करेगी।
कहा कि सरकार ने मदन कौशिक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। वह अपनी रिपोर्ट फाइनल करेगी, तब तक सीधी भर्ती के पद वर्ष 2001 के आरक्षण रोस्टर के हिसाब से भरे जाएं। सरकारी नौकरियों में ओबीसी के आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किया जाए और पदोन्नति में भी आरक्षण दिया जाए। सरकार आरक्षण प्रदान नहीं करेगी, तो समाज को धर्म परिवर्तन करने पर विचार करना होगा। राज्य के विभिन्न विभागों में खाली बैकलॉग के पद तत्काल भरे जाएं। इसके अलावा संविदा और आउटसोर्स की भर्तियां भी आरक्षण की अनुपालना हो।