नेतृत्व परिवर्तन की उबलती चर्चाओं मेें कहां हैं सीएम त्रिवेंद्र

सिंगोरी न्यूजः नेतृत्व परिवर्तन की उबलती चर्चाओं ने इस बार सोशल मीडिया पर जितनी धूम मचाई उतनी पहले नहीं देखी गई। वहीं इस उबाल के बीच सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अब 2022 के विधान सभा चुनाव में परचम लहराने की बात कहकर एक तरह से इशारा कर दिया है कि फिलहाल उनकी राजनैतिक सेहत पूरी तरह से तंदुरूस्त है। वहीं परिवर्तन की बात उछालने वाले अब कुछ हताश से लगने लगे हैं।
गौरतलब है कि गुजरा सप्ताह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, प्रदेश के नेतृत्व, भाजपा के बड़े कदावरों और सोशल मीडिया के रफ्तारी खबरनबीसों के लिए खासा व्यस्त और परेशान करने वाला रहा। हर बार की तरह उत्तराखंड मे ंनेतृत्व परिवर्तन की खबरों से सोशल मीडिया की वाॅलें पटती रही।

कहीं कबीना मंत्री सतपाल महाराज को सीएम बनते दिखाया गया तो कहीं केंद्र में एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक को सूबे की कमान थमाई गई। तो कसी ंने इन दोनों नेताओ के बीच सहमति होने पर सतपाल महाराज को मुखिया बनाए जाने की बात तक लिख डाली। दोनों सभावितों का इतिहास भूगोल भी सोशल मीडिया पर खूब खंगाला गया।
गत दिवस एक न्यूज पोर्टल ने हाल में आए अफवाहों के भूचाल के पीछे पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री निशंक व उनके समर्थकों का हाथ बताया। ऐसे में इस स्टोरी में कुछ ट्विस्ट सा दिखा। लेकिन यह बात निशंक समर्थकों को कतई नागवार जरूर गुजरी। पोर्टल पर लिखी गई इस खबर को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। यहां तक तक पोर्टल के मुख्य संूत्र की भी तलाशी की बात कही गई। कहा कि यह उनके नेता की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है। इसी बीच दिल्ली से संचालित किसी साइट ने फिर से यह लिखा कि जल्द ही सतपाल महाराज को सूबे की कमान सौंपी जा सकती है। यह अफवाह जितनी इस प्रदेश में उबल रही है वह केंद्र तक उसकी सुगबुगाहट है भी या नहीं यह किसी केा नहीं पता।

लेकिन चर्चाओं का बाजार गरम है।
अफवाहों के इस गरम बाजार में पहले तो प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने काम ही व्यस्त रहे। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि नेतृत्व परिवर्तन की बात पर उन्हें क्या कहना है तो उनका साफ कहना है कि उनका फोकस 2022 के विधान सभा में पार्टी का परचम लहराने पर है। ऐसा लगता है कि हाईकमान से भी उन्हें अपने काम पर ध्यान देने के लिए ही कहा गया है।
बहरहाल चर्चाओं का उबाल अब धीरे धीरे शांत होने की ओर है। अभी गैरसैंण विधान सभा सत्र होने वाला है तो होली भी नजदीक है। फिलहाल त्रिवेंद्र्र भी निश्चिंत दिख रहे हैं और चर्चाओं में तूल देने वाले भी कुछ शांत से लगते हैं।

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