पौड़ीः घुसगलीखाल में होने वाले मकरैंण मेला इस बार भी बहुरंगी होगा, यहां थड़िया चैफलों में परंपराओं के दर्शन होंगे तो खेलों में युवाओं का जोश दिखेने के साथ बाजुओं की जोर आजमाइश के भी मौके मिलेंगे। इसकी तैयारियां तेज हो गई है। मेले में इस बार भी गांवों से माता दुर्गा के द्वार ध्वजा पहुंचेगी। क्षेत्र के गगवाड़स्यूं, बनेलस्यूं, मनियारस्यूं, पटवालस्यूं व सितोनस्यूं का केंद्र बिंदु है मेले में ढोल सागर मुख्य आकर्षण होगा। वहीं थड़्या-चैफला, विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाएगी।
मेले के सफल आयोजन को लेकर रविवार को घुसगलीखाल में आयोजित बैठक में मकरैण मेला समिति के मंदिर समिति के संरक्षक श्री सीताराम जुयाल जी की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई अध्यक्ष श्री नेत्र सिंह बिष्ट जी द्वारा समिति का विस्तार करते हुए प्रमुख निर्णय लिया गया कि मकरैंण समिति के संयोजक श्री अनुसूया प्रसाद सुन्दरीयाल जी को मेला समिति सलाहकार नियुक्त किया गया साथ ही संयोजक के पद पर श्री कैलाश सुन्दरीयाल जी , सह सचिव के पद पर श्री मुकेश रावत जी को नियुक्त किया गया वही खेल समिति का विस्तार करते हुए श्री नीरज पटवाल जी को खेल समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया वही मातृशक्ति ग्राम प्रधान बणागव मल्ला श्रीमती कुसुम नेगी जी को महिला संगठन मंत्री का पद देते हुए समिति का विस्तार किया गया।
मकरैण मेला घुसगलीखाल क्षेत्र की सांस्कृतिक और विकास कार्यो की धरोहर है। पिछले लंबे समय से मेले का आयोजन क्षेत्र के ग्रामीणों के सहयोग से किया जा रहा है। जिसमें क्षेत्र के सम्मानित जनप्रतिनिधि भी हमेशा अपना सहयोग देते रहते हैं मेले में युवा खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए 27 दिसंबर से विभिन्न खेलों के आयोजन की शुरुआत की जाएगी। मेले में क्रिकेट, वालीबाल, हाफ मैराथन दौड़, महिला रस्साकसी व पुरुष रस्साकशी का आयोजन किया जाएगा। मेले का विधिवत शुभारंभ 13 जनवरी को स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से किया जाएगा। साथ ही महिला मंगल दल की थड़्या-चैफला प्रतियोगिता भी आयोजित होगी।
14 जनवरी को मेले के मुख्य आकर्षण ढोल सागर प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी विभिन्न खेलों के फाइनल मुकाबलों का आयोजन, पुरस्कार वितरण के साथ मेला संपन्न होगा। बैठक में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर मेला समिति के संरक्षक सीताराम जुयाल , अनसूया प्रसाद सुन्दरीयाल, नेत्र सिंह बिष्ट, कैलाश सुन्दरीयाल, कमल रावत, मुकेश रावत, सुदामा सिंह रावत महेश कुमार, कुसुम देवी, विलेश्वर पटवाल, मनमोहन रावत, राकेश सिंह, संजय पटवाल भूपेंद्र पटवाल प्रेम सिंह आदि मौजूद रहे।