‘आप’ नेता इस लायक नहीं हैं कि उनकी किसी बात का जवाब दिया जाएः मुन्ना

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड में न कोई वजूद है और न हीं उनके नेता इस लायक है कि उनकी किसी बात का जवाब दिया जा सके। उनकी गैर जिम्मेदार हरकत उत्तराखंड की राजनीति के फ्रेम में अपने को फिट करने के प्रयास तक सीमित है। यदि आम आदमी पार्टी के नेता यहां आकर पहाड़ की चोटियों को देख भी लें तो आप की टोपी जमीन पर ही गिर जाएगी। इसलिए आप के नेता उत्तराखंड में भाजपा को चुनौती देने का ख्वाब न हीं देखें तो ही अच्छा है।

भाजपा मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि डोईवाला विकासखण्ड के जिस प्राथमिक विद्यालय जीवनवाला में आप के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोधिया गए थे, वहां भवन की मरम्मत के लिए सितम्बर 2020 में प्रथम किश्त 4.15 लाख रूपये जारी की जा चुकी है। जिस पर मरम्मत का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय के आस-पास यूकेलिप्टस के पेड़ थे। इन पेड़ों की वजह से स्कूली छात्र-छात्राओं को खतरा था। स्कूल के आस-पास के पेड़ों के कटान के लिए वन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था, उनकी अनुमति के बाद पेड़ों का कटान का कार्य चल रहा है। वैसे भी कोविड के कारण आजकल स्कूल नहीं खुल रहे हैं।

आदरणीय श्री सिसोधिया जी ग्राम प्रधान जीवनवाला के प्रधान के प्रतिनिधि का वीडियो यदि देख लें तो उन्हें अपने बारे में शर्म आएगी।
श्री चौहान ने कहा कि आप के नेता उत्तराखंड केवल सैर सपाटे के लिए आए हैं। उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं के पास ऐसे सैर सपाटा कर अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने वाले नेताओं के लिए समय नहीं है न हीं उनकी किसी बात को वे गंभीरता से लेते हैं। आप के नेताओं से कहना चाहते हैं कि वे अपनी अराजकता वाली राजनीति को ताले में बंद कर उतराखंड आएं। उनकी नकारात्मकता की पराकाष्ठा यह है कि उन्हें इस बात की सराहना करनी चाहिए थी कि जिस स्कूल में वे राजनीति करने के मकसद से गए, उसके जीर्णोद्धार के लिए पहले ही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत धनराशि स्वीकृत कर चुके हैं। साथ ही जिन पेड़ों से बच्चों को खतरा था, बाकायदा वन विभाग से अनुमति लेकर उन्हें कटवाया जा रहा है। उत्तराखंड में कानून का राज चलता है अराजकता का नहीं।

श्री चौहान ने श्री सिसोधिया को सलाह दी कि राजनीति के चश्मे को उतारकर देखें। जीवनवाला के जिस प्राइमरी स्कूल में वे गए, उससे सटे ही पूर्व माध्यमिक स्कूल (जूनियर हाइस्कूल) की स्थिति उनके दिल्ली के सरकारी स्कूलों से कई बेहतर है, लेकिन उन्हें वह स्कूल नहीं दिखा। श्री सिसोधिया कहते फिर रहे हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर है, वे अपना ज्ञानवर्धन कर लें, उत्तराखंड के बच्चे सरकारी स्कूलों से निकलकर फौज में अफसर बने हैं, आईएएस, आईपीएस, आईआईटी, मेडिकल और अनेक प्रतिष्ठित परीक्षाओं मे्ं शामिल होकर सफलताएं अर्जित कर रहे हैं। और बहुत अच्छे ओहदों पर देश की सेवा कर रहे हैं। इसलिए वे उत्तराखंड आकर अपनी अराजकता और अज्ञानता की ब्राडकास्टिंग न करें।

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