योजनाओं में नवाचार पर ध्यान दें अधिकारी: सीएम पुष्कर सिंह धामी
प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री ने सचिव समिति को किया सम्बोधित
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। श्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। तीन घण्टे तक चली इस बैठक में राज्यहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित से जुडी योजनाओं के नीति-निर्धारण और सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पंहुचाने में सचिवगणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सचिव सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही, लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए हम सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे। लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाये बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उनके सफल क्रियान्वयन के लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए। सरकार की योजनाओं और निर्णयों का प्रभाव करोड़ों लोगों के जीवन पर पड़ता है अतः योजनाओं और निर्णयों में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देश दिये कि विभागों के रिक्त पदों का अधियाचन शीघ्र आयोगों को भेजे जाएं। सुनिश्चित कार्ययोजना के साथ आगामी दो सालों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए।
कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर दिया जाए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए और आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की सबके मन में भावना होनी चाहिए। जन अपेक्षाओं के अनुसार हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यक्षेत्र में क्या विशिष्ट कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन इन्डीकेटर पर राज्य में अच्छा कार्य हुआ है, उनको बनाये रखना हमारे सामने चुनौती भी होगी।
आगामी एक वर्ष की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन का बनाया जाए रोस्टर
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े विषयों की नियमित समीक्षा की जाए। श्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं का एक रोस्टर प्लान बनाया जाए, जिसमें ऐसी योजनाएं शामिल हों, जो व्यापक जनहित वाली हों। जनपदों के प्रभारी सचिव समय-समय पर जनपदों में जाकर योजनाओं की नियमित समीक्षा करें और विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बड़ी परियोजनाओं की पृथक से बृहद स्तर पर समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं को दैवीय आपदा अथवा अन्य किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए उनका सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। पुराने पुलों, एसटीपी, जल विद्युत परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य अवस्थापना से जुड़े कार्यों में सुरक्षा मानकों का पूर्णतया पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार से जानमाल का नुकसान न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मितव्ययिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। राजस्व वृद्धि के साथ आवश्यक व्ययों को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस दिशा में कार्य होना आवश्यक है। सीमित संसाधनों से हमें बेहतर आऊटकम देने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में जो सब्सिडी दी जा रही है, वह लाभार्थियों को समय पर मिले। लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ जल्द दिलाने के लिए विभागों द्वारा नियमित कैंप लगाये जाएं।