सिंगोरी न्यूजः अपने हक के लिए उत्तराखंड एससी-एसटी इम्पलाइज फैडरेशन ने बाहें चढ़ा ली हैं। उनका कहना है कि पदोन्नति में आरक्षैााण संविधान के तहत दी गई व्यवस्था है। इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, भर्ती रोस्टर में पहला पद आरक्षित श्रेणी के लिए रखने सहित तमाम मांगे हैं जिन पर अभी विचार किया जाना है। पौड़ी में फैडरेशन के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया राष्टपति और राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया।
मंडल मुख्यालय पौडी में फैडरेशन से जुड़े कर्मचारियों ने डा.भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थल पर धरना दिया। यहां फैडरेशन के अध्यक्ष जीएस कोंडल, महामंत्री जेपी टम्टा समते फैडरेशन के अन्य नेताओं ने कहा कि सरकार मांगों की अनदेखी कर रही है। इंदु कुमार पांडेय व जस्टिस इरशाद हुसैन की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। जहां एससी-एसटी का प्रतिनिधित्व पूरा नहीं है वहां पूरा किया जाए। पदोन्नति में आरक्षण बहाल करने, सीधी भर्ती की समीक्षा किए जाने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट जब तक नहीं आती है तब तक पुरानी रोस्टर प्रणाली के अनुसार ही भर्ती करने, राज्य में ओबीसी को राजकीय सेवा में आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने, पदोन्नति में भी ओबीसी को आरक्षण देने, बैकलॉग के रिक्त पदों को विशेष भर्ती अभियान के तहत तत्काल भरने, विभिन्न सरकारी संस्थाओं में संविदा, आउटसोर्स के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों में भी आरक्षण का शत प्रतिशत अनुपालन करने की मांग की।