सकारात्मक सोच, अनुशासनके साथ मानवीय पक्ष जरूरीः अरविंद सिंह ह्यांकी

जन कल्याण में सबसे अहम है आयुष्मान योजनाः ह्यांकी

एसएचए के अध्यक्ष व निदेशक वित्त ने प्रशिक्षु एफओ को दी आयुष्मान योजना के विभिन्न पहलुओं की जानकारी

 

देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सभागार में राज्य वित्त सेवा संवर्ग के प्रशिक्षु वित्त अधिकारियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान योजना व राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना क्रियान्वयन के बारे में जानकारियां दी गई। साथ ही योजना के वित्तीय पहलुओं पर भी रोशनी डाली गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह हयांकी ने सभी प्रशिक्षुओं पूरे सेवाकाल में सकारात्मक सोच, अनुशासन, समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ मानवीय पक्ष को आगे रखते हुए कार्य करने की बात कही। उन्होंने जन जीवन से जुड़ी आयुष्मान को जन कल्याण की सबसे अहम योजना बताया और योजना में आने वाली अड़चनों, चुनौतियों व उनके निस्तारण के प्रयासों पर प्रकाश डाला। कहा कि आयुष्मान में प्रति परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक की सूचीबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा दी जाती है। प्राधिकरण द्वारा अस्पतालों की समय समय पर मॉनटिरिग की जाती है। राज्य कर्मचारियों व पेंशनर को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना का संचालन किया जा रहा है। प्रशिक्षुाओं से उन्होंने अपने सेवाकाल के अनुभव भी साझा किए।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक वित्त अभिषेक आनंद ने योजनाओं की कार्यप्रणाली, चिकित्सालयों में इंपैनलमेंट प्रक्रिया, उपचार, भुगतान की प्रक्रिया, पोर्टल निर्माण व अन्य गतिविधियों के क्रियान्वयन के साथ ही योजना की चुनौतियों, वित्तीय पक्ष की जटिलताओं व उनके समाधान की प्रक्रिया को प्रशिक्षुओं समक्ष रखा।
उन्होंने बताया कि एनएचए की गाइडलाइन के अनुरूप योजना में लगभग 1900 मेडिकल पैकेज शामिल किए गए हैं। आम जनता की सहायता के लिए सभी सूचीबद्ध चिकित्सालयों में आयुष्मान मित्र की तैनाती की गई है। अस्पतालों के दावों की जांच के लिए नेशनल एंटी फ्राड यूनिट व राज्य स्तर पर स्टेट एंटी फ्राड यूनिट कार्य कर रही हैं। उन्होंने प्रशिक्षओं को योजना में पीपीडी (प्रीऑथराइजेशन प्रोसेसिंग डाक्टर), सीपीडी (क्लेम प्रोसेसिंग डाक्टर) के बारे में भी विस्तार से समझाया। आयुष्मान के साथ ही वय वंदना कार्ड, सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के कैशलेस उपचार सुविधा के बारे में जानकारियां दी गई।
इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक प्रशासन डा विनोद टोलिया, अपर निदेशक प्रशासन निखिल त्यागी, पुनीत गुप्ता समेत प्रशिक्षु अधिकारी मयंक सक्सेना, आयुषी जोशी, राजीवकांत, सतीश चंद्र, ललित मोहन पांडे, आकाश रघुवंशी, दीपक जोशी आदि शामिल रहे।

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