मामला पूरी पत्रकार बिरादरी को शर्मसार करने वाला है, राजधानी के एक मान्यता प्राप्त पत्रकार पर किटी पार्टी व कमेटी चलाने नाम पर लोगों ने करोड़ों रूपए ठग लिए। पीड़ितों का कहना है कि वह खुद को पत्रकार बताता है। पुलिस से पहुंच बताकर डराता है, जान से मारने की धमकी देता है। इस पत्रकार पर यहीं राजधानी में अन्य लोगों की प्रापर्टी हड़पने के भी आरोप हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी गई रिपोर्ट में कमेटी के नाम पर छले गए कशिश भंडारी ने बताया कि राज कुमार छावड़ा जो अपने आप को पत्रकार बताता है। उसने कमेटी के नाम पर उसके साथ बड़ा फ्राड किया है। सात लाख की कमेटी में उसने सिर्फ डेढ लाख रूपए लौटाए। पैसा मांगने पर वह कहता है कि मैं पत्रकार हूं। मेरी पुलिस मे पहुच है, तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। डराने के लिए वह जान से मारने की भी धमकी देता है। पीड़ित ने बताया कि अखबार वाला होने की वजह से पुलिस उसका पक्ष लेती है।
बाजार चैकी में शिकायत करने पर वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला। वह आरोपी को ही सही ठहरा रहे हैं। चैकी इंचार्ज ने तो इतना तक कहा कि इस मामले में कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि राजकुमार छावड़ा को मैंने अधिकांश भुगतान चैक से किये। यह सबूत भी मेरे पास हैं। कशिश जैसे कई और सीधे साधे लोग भी हैं जो इस व्यक्ति के झांसे में आए हैं।
पीडितों के मुताबिक अखबार व पत्रकारिता के नाम पर इस तरह के कृत्य अक्षम्य हैं। सूचना निदर्शनी में यह फ्राड व्यक्ति राजकुमार छावड़ा अभियान टाइम्स अखबार का का संपादक है। पिछले दिनों उक्त आरोपी के झांसे में आई कुछ महिलाओं ने भी मीडिया में इस बात को रखा। ऐसे में सरकार को चाहिए कि सबसे पहले इस फ्राड की मान्यता निरस्त हो। ताकि पुलिस इस मामले में किसी दबाव में ना रहे। पत्रकार संगठनों को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए।
किट्टी की शिकार महिलाओं का कहना है कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. महिलाओं ने आरोप लगाया कि छाबड़ा इंटरप्राइजेज ने किट्टी के माध्यम से कई लोगों को ठगा है. पीड़ित पुलिस में भी शिकायत कर चुके है. महीनों तक अपनी गाढ़ी कमाई देते रहे लेकिन अब किट्टी संचालक सैकड़ों लोगों की लाखों की धनराशि नही दे रहा है. ठगी का शिकार हुई महिलाओं ने कहा कि उनसे बहला फुसलाकर किट्टी में शामिल होने के लिए कहा गया और उन्होंने कई महिलाओं को भी जोड़ दिया.