इन युवाओं की बदौलत सोना उगलने लगी है कल्जीखाल की बंजर जमीन

सिंगोरी न्यूजः पौडी जनपद के कल्जीखाल विकास खंड के दो युवाओं ने एक ऐसी मिशाल कायम की है जिसे आने वाले दिनों में पहाड़ों की खुशहाली के लिए याद किया जाएगा। इन युवाओं ने वास्तविक विकास का वह खाका खींचा है जिसे हर हाल में आगे ही बढ़ना है। जी हां डीयू के पढ़े घंडियाल निवासी परमजय रावत व धनंजय रावत की सोच व सकारात्मक प्रयासों से आज वहां की बंजर हो चुकी जमीन फिर से सोना उगलने लगी है। रिवर्स पलायन की दिशा में इन युवाओं की पहल अब रंग लाने लगी है। आस पास के करीब पचास गांवों में भी लोग अपनी खेती के प्रति जागरूक होने लगे हैं।

कल्जीखाल की सकारात्मक सोच के परिणामों से रूबरू होते कृषि मंत्री सुबोध उनियाल


पिछले माह प्रदेश के कृषि उद्यान एवं रेशम विकास मंत्री तथा जनपद के प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल इन युवाओं के ‘‘द न्यू विजन सैल्फ एम्प्लायमेंट गु्रप‘‘ के भ्रमण पर आए। उनके प्रयासों से लहलहाती फसल का गौर से निरीक्षण किया। जैविक तरकारी से लेकर अनाज तक की गुणवत्ता भी विशेषज्ञों ने जांची। लेकिन इन युवाओं के प्रयासों को देख उन लापरवाह व नाकाबिल लोगों के मुंह पर तो लग जरूर गए जो कहते हैं कि पहाड़ों की खेती मेहनत ज्यादा मांगती है और मेहनताना नाममात्र का। कामचोरी के साथ जानकारी के अभाव में उपजे सारे मिथक घंडियाल स्थित ‘‘द न्यू विजन सैल्फ एम्प्लायमेंट गु्रप‘‘ के युवाओं ने तोड़ दिए। वहां जमकर खेती हो रही है। यहां सिर्फ खेती हो ही नहीं रही है यहां के उत्पाद बाजार मंे भी छाने लगे हैं।

कल्जीखाल की सकारात्मक सोच के परिणामों से रूबरू होते कृषि मंत्री सुबोध उनियाल

स्थानीय कास्तकार भी ग्रुप से जुड़ रहे हैं। खाद के लिए गोबर का उपयोग हो रहा है। तरकारी से लेकर तमाम जैविक खाद्य उत्पाद यहां हो रहे हैं। यहां ग्रामीण तो क्या शहरों से आए लोग भी तब हैरत पड़ गए जब नई पीढ़ी के इन हुनरमंदों ने बताया कि इस सीजन में करीब ढाई लाख का मूला उनके खेतों से बाजार में पहुंचा। दो ट्रालियों को स्वयं कृषि मंत्री ने ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मंत्री से लेकर कृषि व उद्यान के विशेषज्ञों ने उनके प्रोजेक्ट का भ्रमण किया। और उनकी सोच व कार्य के प्रति उनके समर्पण की जमकर तारीफ भी की। शायद यह उनकी बेहतर परवरिश व दीक्षा का ही नतीजा है कि अपनी उर्वरकता खोने को बदनाम हो चुकी पहाड़ की खेती पर पूरा पहाड़ अब फिर से सोना उगलते देख रहा है।

नई सोच में पसीना बहा तो बंजर जमीन कुछ इस तरह उगलने लगी सोना


पहाड़ में खेती छोड़ने को लेकर बहाने
असिंचित खेतों में बारिस साथ नहीं देती।
कभी अतिवृष्ठि तो कभी सूखा परेशान करता है।
मेहनत को कभी बंदर खा लेते हैं तो कभी सुअर या अन्य जंगली जानवर उजाड़ देते हैं।
गुलदार जैसे खतरनाक जंगली जानवरों की डर से भी खेती छोड़ दी।
पूरी फसल में मेहनत के बाद भी मेहनताना नाममात्र
शहरों में दूसरे के नौकर बन गुजारा करने की छोटी सोच
कहीं कुछ होता भी है तो बाजार नहीं मिलता।
भण्डारण की दिक्कतें


welcome ‘‘द न्यू विजन सैल्फ एम्प्लायमेंट गु्रप‘‘

युवाओं की सोच व प्रगति देख हर कोई लौटना चाहता है अपनी जड़ों की ओर
बीते दो दशक से पहाड़ों में खेती पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। इसे संवारने के लिए कल्जीखाल के परंजय रावत व धनंजय रावत ने जो उदाहरण पेष किया, उसे जो भी देख रहा है वह घरों को लौटना चाह रहा है। गांवों में खेती से मुंह मोड़ चुके कास्तकारों को भी अब अपने खेतों की अहमियत समझ में आने लगी है।। परंजय व धनंजय की पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। लेकिन रिवर्स पलायन पर उन्होंने गजब का उदाहरण पेश किया है। उनके पिताजी दिनेश रावत सामाजिक क्षेत्र से जुड़े हैं। जिला पंचायत सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृश् िविषेषज्ञ संदीप नैथानी के मार्ग दर्षन से ‘‘द न्यू विजन सैल्फ एम्प्लायमेंट गु्रप‘‘ की राहें आसान हुई हैं। गांवों में छोटे छोटे समूह बनाकर लोगों को ग्रुप से जोड़ा गया। करीब पचास गावांे में लोग सही दिषा में करने लगे हैं।

यहां हरितक्रांति के संवाहक परंजय व धनंजय को सम्मानित करते कृषि मंत्री सुबोध उनियाल


स्बसे अच्छी बात यह रही कि खेती छोड़ने के जो बहाने उपर लिखे गए हैं अब धीरे धीरे मिटने लगे हैं। ग्रुप के निर्देषन में अब लोग अपने खेतों को संवारने में जुट गए हैं। दिनेष रावत बताते हैं कि अब गांवों मंे लोगों में अपनी जमीन को संवारने की होड़ सी है। निकट भविष्य में रिवर्स पलायन की दिषा में बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। यहां सिंचाई के लिए जल संग्रहण कर लाभ ले रहे हैं। वहीं फसलों को जंगली जानवरों बचाने के लिए साउंड सिस्टम का उपयोग हो रहा है। वर्तमान में वहां हर प्रकार की तरकारी है। विपणन पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि फिलहाल तो स्थानीय स्तर पर ही खपत हो रही है। जैविक उत्पादों को स्थानीय स्तर पर भी अच्छे दाम मिल रहे हैं। इसके अलावा षहर के बड़े होटल्स भी उनके संपर्क में हैं। ‘‘द न्यू विजन सैल्फ एम्प्लायमेंट गु्रप‘‘ ने निष्चित रूप से वह पहल की है जो रिवर्स पलायन में मील का पत्थर होगी। लोग फिर से अपनी जमीन से जुड़ेंगे, और पहाड़ों में फिर से खुशहाली लौटेगी।


पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष व उद्यमी गणेश नेगी

पौड़ी के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष व उद्यमी गणेश नेगी कहते हैं कि परंजय व धनंजय की सोच वाकई सराहनीय है। इससे लगातार उजड़ रहे पहाड़ के गांवों में फिर से खुशहाली लौटगी। स्थानीय स्तर पर खासतौर पर युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे। यहां साबित हो गया है कि हमारे पहाड़ों मंे भी बहुत कुछ है। रोजगार के लिए मैदानी शहरों पर निर्भर होने की मानसिकता धीरे धीरे समाप्त हो सकेगी। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करना पूरे समाज की जिम्मेदारी हो।

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