सिंगोरी न्यूजः (वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र बिष्ट) सूबे के गढ़वाल क्षेत्र की शिक्षा व व्यावसायिक गतिविधियों का बेहद अहम केंद्र है श्रीनगर। यहीं की एक ऐसी प्रतिभा का यहा ंजिक्र किया जा रहा है जिन्होंने इसी जमीन पर जनहित की कई लड़ाइयों को अजाम तक पहुंचाया। और हाल ही में उन्होंने भाजपा के संगठन में एक जिम्मेदारी संभाली है। यहां बात हो रही है मानव बिष्ट जिन्हें पिंटी के नाम से काफी जाना जाता है।
,,,,माता पिता ने जब अपने बच्चे का नाम रखा होगा, मानव,,तो हो सकता है, लोगो को अटपटा लगा होगा, लेकिन पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है। हर समय अपने शहर की समस्याओं के खिलाफ लड़ने भिड़ने के लिये आतुर मानव बिष्ट को जब भाजपा ने श्रीनगर मण्डल महामंत्री बनाया तो जहाँ पार्टी में खुशी और उत्साह का माहौल है वही विपक्ष में एक बेचैनी भी। छात्र जीवन से ही मानव और संघर्षों का बहुत करीब का नाता रहा। कठिन से कठिन सफर में वह न कभी डिगे, न झुके। पिछले दशक की शुरुआत में अपनी इन्हीं खूबियों के कारण बिड़ला परिसर में छात्र संघ महामंत्री चुने गये और एक नये हौसले से छात्रों की समस्याओं को उठाते रहे। अन्याय और अनदेखी के खिलाफ संघर्ष का जुनून हद से गुजरा तो गढ़वाल विश्व विद्यालय के भ्रष्ट तंत्र ने उन्हें तीन-तीन वर्षों के लिये दो बार निष्कासित कर दिया।,,लेकिन वे फिर भी पढ़े और लड़े भी।
इसी विश्वविद्यालय से मानव ने इतिहास, पत्रकारिता और कानून की पढ़ाई पूरी की। छात्र जीवन से ही श्रीनगर शहर की तमाम समस्याओं के लिए उन्होंने कई बार भूख हड़ताल,तक जैसे आंदोलन किए। जनसमस्याओं के लिये व पालिका के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ भी उन्होंने लंबा संघर्ष किय। कई बार इस दौरान गिरफ्तार भी हुये। मुकदमे भी चले। लेकिन मानव नही झुके बल्कि कुछ अनियमितताओं के मामलो को वो न्यायालयो तक भी ले गये है। केदार आपदा के समय उनका घर भी जमींदोज हुआ। किराये पर रहना मजबूरी हो गयी जो अभी तक भी जारी है। लेकिन निजी जीवन के संघर्षों से जूझते हुये भी वे समाज की लड़ाई लड़ ही रहे है। मानव ने दो बार पालिका अध्य्क्ष का चुनाव भी लड़ा है। इन चुनावों में वे हारे जरूर, लेकिन इससे उनके जज्बे में कोई कमी नही आयी। अब भाजपा ने उन्हें श्रीनगर मण्डल महामंत्री का पद दिया है। जिसको वो अपनी सक्रियता से सही साबित करेंगे, इस बात को तो उनके विरोधी भी स्वीकारते है। ज्ञात हो कि भाजपा की हालिया सदस्य अभियान में श्रीनगर मण्डल में सबसे ज्यादा सदस्य मानव ने ही खुद को साबित कर दिया। उज्ववल भविष्य की कामनाओं के साथ।