गलियारों की गरमाहटः एक बार फिर चर्चाओं में आया ग्रीष्मकालीन गैरसैण

सिंगोरी न्यूजः कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सीएम हरीश रावत नौ अगस्त को गैरसैंण कूच कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश के मुखिया ने गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की है। ग्रीष्मकाल तो अभी 15 सितंबर चलेगा। ऐसे में वह ग्रीष्मकालीन राजधानी के दर्शनों के लिए जा रहे हैं।
बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विधानसभा में बजट भाषण प्रस्तुत करने के बाद गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी। हालांकि इस दौरान कोरोना का लाॅकडाउन सारी स्थितियां का ठप कर दिया था। लेकिन हाल ही में कांग्रेस नेता पूर्व सीएम ने एक बार फिर से सियासत को गरमा दिया है। उनका कहना है कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी सिर्फ नाम के लिए की है। राजधानी के हिसाब से वहां कोई काम नहीं हो रहे हैं। यहां तक कि राजधानी की योजना को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जो काम शुरू हुए थे उन पर भी विराम लग गया है।
उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं 15 अगस्त से पहले पहले गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन सरकार के दर्शन कर लूं। इस पुण्य कार्य को पूरा करने के लिए मैं नौ अगस्त को गैरसैंण जाऊंगा।
ऐसे में साफ है कि राजधानी के नाम पर हरीश रावत ने फिर से सरकार को घेरने का इंतजाम कर लिया है। जानकारी के मुताबिक रावत समर्थक पूर्व सीएम की मुहिम को सरकार देहरादून छोड़ों नाम दे रहे हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेसी दिग्गज और सूबे के पूर्व सीएम का नया सफर राजनीति की मंजिल की दिशा में कहां तक राहें आसान करता है। बहरहाल लंबे समय बाद सही, विपक्ष की ओर से राजधानी का मसला फिर उठा तो ग्रीष्मकालीन गैरसैण फिर से चर्चा में आ गया है। अन्यथा घोषणा के बाद से ही इस पर वक्त की धुंधलाहट जमनी शुरू हो गई थी।

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