सिंगोरी न्यूजः सूबे के पिथोरागढ़ जनपद के टांगा गांव गत दिवस आई आपदा कई आशियानों को अपनी चपेट में ले लिया है। खेतीबाड़ी का कोई पता नहीं। और यहां तक कि अतिवृष्ठि के पांचवें दिन भी उन सभी लोगों को नहीं तलाशा जा सका जो इस आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। आपदा में ग्यारह लोग लापता हुए थे, सात लोगों के शव मिल चुके हैं लेकिन चार अभी भी नहीं मिल पाये हैं। अब उन गायब शवों को तलाशने के लिए डाॅग स्क्वायड की मदद ली जा रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक देहरादून से एक डाग स्क्वायड दल पिथौरागढ़ से बंगापानी के लिए रवाना हो गया है।
अब हालात यह हैं कि मुनिस्यारी का यह क्षेत्र आसमानी आफत खौफजदा है। टांगा गांव जहां आपदा पहाड़ बन कर बरसी है वहां संचार तक की सुविधा नहीं है। अब वहां लोग अपनी मदद की गुहार लगाएं भी तो कैसे। बीते 19 जुलाई की रात यहां जिस हादसे ने गांव में ही ग्यारह लोगों की कब्र बना दी। उसकी सूचना देने के लिए भी ग्रामीणों को आठ सौ मीटर की ऊंची पहाड़ी पर चढ़ना पड़ा था। इसी बात से वहां की दुर्गमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
परिजनों की कुशल क्षेम के लिए या तो तहसील जाओ या फिर मोबाइल के सिग्नल तलाशने में वक्त जाया करों। आपदा के बाद से यहां लोगों को कुछ नहीं सूझ रहा। और करें भी तो क्या करें। ग्राम की प्रधान हैं सुनीता देवी। आपदा से अलग थलग पड़े इस गांव के लोग प्रधान के आंगन में जमा हो गए। वह भी इस उम्मीद पर कि कहीं से कुछ मदद मिल जाए।
समय तो गुजरता जा रहा है। लेकिन अपनों की तलाश में रात दिन एक किए ग्रामीणों का हौसला भी अब जबाब देने लगा है। मदद के लिए सरकार ने वहां डाॅग स्क्वायड की टीम भेजी है। शायद किसी को किसी भी हालत में सही लेकिन उनके अपने कम से कम मिल तो जाएं।