प्रकृति परीक्षण अभियान में उत्तराखंड के तेज कदम

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 की रोशनी में उत्तराखंड में प्रकृति परीक्षण अभियान के और तेज होने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, केंद्रीय आयुष मंत्रालय इन दिनों पूरे देश में प्रकृति परीक्षण अभियान चला रहा है। इसमें किसी भी व्यक्ति की प्रकृति को आयुर्वेद के नजरिये से परखा जा रहा है। यानी किसी व्यक्ति में वात, पित्त और कफ या आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के आधार पर स्वास्थ्य की क्या स्थिति है, इसका आंकलन किया जा रहा है। यह अभियान 29 अक्टूबर से शुरू हुआ है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में किया। यह अभियान 25 दिसंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत पूरे देश में एक करोड़ लोगों के प्रकृति के परीक्षण का संकल्प प्रकट किया गया है।

केेंद्र सरकार के बेहद महत्वपूर्ण प्रकृति परीक्षण अभियान में उत्तराखंड के कदम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आयुर्वेद के जरिये हर एक नागरिक के उत्तम स्वास्थ्य के संकल्प वाले इस अभियान मेें राज्य की प्रगति से केंद्र सरकार संतुष्ट है। आयुर्वेद के मामले में प्रदेश की विशिष्ट स्थिति की वजह से केंद्र सरकार सबसे ज्यादा उम्मीद उत्तराखंड से ही लगाए हुए हैं।

 

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो में भाग लेने के लिए आए केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव के अनुसार-उत्तराखंड देवभूमि है और आयुर्वेद के लिहाज से सबसे समृद्ध है। प्रकृति परीक्षण अभियान के जरिये देवभूमि के लोगों के आरोग्य के लिए कार्य किया जा रहा है। केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कुटेचा के अनुसार-प्रकृति परीक्षण अभियान के पूरे देश में अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उत्तराखंड भी इस अभियान में देश के साथ अच्छे से कदमताल कर रहा है।

उत्तराखंड की आयुर्वेद के मामले में विशिष्ट स्थिति है। इसलिए हमें उत्तराखंड से खास उम्मीद है। अभी तक हमने जो पाया है, उसके अनुसार, उत्तराखंड की प्रगति बहुत अच्छी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आयुष के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के शुरू होने से पहले ही उन्होंने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई अच्छे कदम उठाए हैं।
-डा आशुतोष गुप्ता, सचिव, देश का प्रकृति परीक्षण अभियान।

मै हमेशा यह कहता हूं कि उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रारंभ से ही प्रज्ञा भूमि रही है। आयुर्वेद केवल उपचार की चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे बढ़कर जीवन जीने की विशिष्ट कला है। प्रकृति परीक्षण अभियान और केंद्र की आयुष संबंधी सभी योजनाओं के मार्फत लोगों का उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

About The Singori Times

View all posts by The Singori Times →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *