विधान सभा सत्र नियम 53 और पौड़ी का ट्रैंचिंग ग्राउंड

सिंगोरी न्यूजः यूं तो कचरा निस्तारण के लिए ट्रैंचिंग ग्राउंड की समस्या किसी भी शहर में ठीक उपचारित नहीं हो पाई है। क्या करें समस्या ही कुछ ऐसी है। लेकिन मंडल मुख्यालय पौड़ी में जिस तरह से कोई फौरी व्यवस्था तक नहीं है उससे यहां यह समस्या कुछ अधिक बड़ी जरूर लगती है।
बात पौड़ी शहर की हो रही है। इस समस्या के मूल में दिखा जाय तो यह समस्या कम और अहसयोग की भावना अधिक लगती है। प्रयास नगर पालिका करे चाहे जिल प्रशासन विरोध पालिका का ही होता है। जबकि कचरा निस्तारण के लिए जगह उपलब्ध कराना तो जाहिर तौर पर जिला प्रशासन और उसके राजस्व विभाग का काम है। साधी सी बात है कि नगर पालिका तो नगर क्षेत्र के कचरा निस्तारण या सफाई का दायित्व रखती है। जो उसके कारिंदे यथा समय करते रहते हैं। लेकिन कचरा निस्तारण के लिए भूमि कहां उपलब्ध कराई जायेगी यह तो प्रशासन का काम है ना।जाहिर सी बात है कि भूमि का स्वामी पालिका नहीं बल्कि प्रशासन है और उसके अलावा वन भूमि का हिसाब अलग है। बहरहाल समस्या अभी अपनी जगह बनी हुई है।
इसी बीच हाल में हुए विधान सभा सत्र में पौड़ी विधायक मुकेश कोली ने यह नियम 53 के तहत शहर का यह अति महत्वपूर्ण मसला उठाया है। ट्रैंचिंग ग्राउंड न होने के कारण पनप रही समस्याओं को भी उन्होंने सदन में रखा है साथ ही सदन को यह भी अवगत कराया है कि पूर्व में इसके लिए कैसे प्रयास हुए और क्या दिक्कतें आ रही हैं।


अब विधान सभा सवाल आया है तो उस पर जबाब आना और कार्रवाई होना भी लाजमी है। विधायक ने बताया कि पौड़ी के ट्रैंचिंग्र ग्राउंड केा लेकर वह चिंतित हैं। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शासन प्रशासन इस पर जरूर संज्ञान लेेते हुए सहयोग करेगा।
वहीं इस विषय पर नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने कहा कि प्रशासन ने भूमि चिन्हित की हैं। कुछ दिक्कतें आई हैं। अब शासन प्रशासन के सहयोग से ही इस दिशा में कुछ बेहतर हो पायेगा।

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