सिंगोरी न्यूजः गलवां घाटी में दोनों देशों का तनाव बढ़ रहा है। दोनों देशों की सेना पिछले महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में आमने-सामने है. पिछले महीने दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख के पंगोंग और सिक्किम के नाकुला में हाथापाई हुई थी और तब से ही तनाव कायम है. इसके बाद से सीमा पर दोनों देशों के सैनिक बड़ी संख्या में तैनात हैं.
इससे पहले भारत-चीन सीमा पर 1975 में यानी 45 साल पहले किसी सैनिक की मौत हुई थी. तब भारतीय सेना के गश्ती दल पर अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीनी सेना ने हमला किया था. इससे पहले 1967 में नाथु ला में सीमा पर दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
भारतीय मीडिया में चीनी सैनिकों के नुकसान की भी बात कही जा रही है लेकिन अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है और न ही चीन ने कुछ कहा है. कहा जा रहा है कि इसका असर दोनों देशों के सभी द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा और 1993 से दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए जो समझौता हुआ था उस पर भी असर पड़ेगा. दोनों देशों के बीच सरहद पर पिछले 40 दिनों से तनाव है और अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.
भारत ने मंगलवार को कहा कि चीन को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल का सम्मान करना चाहिए. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को दो बार सीमा का उल्लंघन किया और चीनी सेना पर उकसाऊ हमला किया. चीन और भारत दोनों ने एक दूसरे पर एलएसी का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया. साभार बीबीसी