फेक वीडियो ने बढ़ाई शासन की चिंता

देहरादूनः एआई और एजीआई के पदार्पण के बाद सोशल मीडिया पर जो दिख जाए कम ही है। यहां ज्यादातर कंटेंट फेक है। और डीप फेक ने तो स्थितियों को और अधिक चिंता जनक बना दिया है।
मानसूनी सीजन में पहाड़ संभावित आपदा से सहमे हैं। मशीनरी अपनी क्षमता और कार्यप्रणाली के अनुरूप मुस्तैद बताई जा रही है। लेकिन फेक वीडियो संदेशों से इन दिनों शासन के अधिकारियों के माथे पर भी बल पड़े हैं जो स्वाभाविक भी हैं। आपदा को लेकर ऐसे ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनका संबंधित क्षेत्र से कोई वास्ता नहीं है। सिर्फ भ्रम की स्थितियां परेशान करने वाली हो रही है। हाल में वायरल हो रहे हैरान कर देने वाले फेक वीडिया पर शासन की ओर से जनमानस को संदेश दिया गया है।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण श्री आनन्द स्वरूप ने सोशल मीडिया में वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए इसका खंडन किया है। उन्होंने बताया कि रैणी गाँव, जनपद चमोली, आपदा दिनांक 07 फरवरी, 2021 का एक पुराना वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिससे आम जन मानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

उक्त वायरल वीडियो का वर्तमान मानसून सीजन, 2024 से कोई सम्बन्ध नहीं है, तथा वर्तमान में केवल रामगंगा नदी, जनपद पिथौरागढ़ का जल स्तर खतरे के निशान से 0.10 मीटर ऊपर है एवं गौरी गंगा नदी जनपद, पिथौरागढ़ का जल स्तर खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर है किन्तु वर्तमान में इसका ट्रेण्ड डाउन प्रदर्शित हो रहा है।

उक्त नदियों को छोड़कर प्रदेश की सभी नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है, उक्त के सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलों के सक्षम अधिकारियों एवं केन्द्रीय जल आयोग से दूरभाष पर इसकी पुष्टि कर ली गयी है।

अतः सोशल मीडिया पर उक्त वायरल वीडियो का उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा खण्डन किया जाता है।

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