लाभार्थियों को अस्पतालों की कतारों से मिल रही मुक्ति,

 

सूबे की 3060 छोटी चिकित्सा इकाइयों यानी माइक्रोसाइट्स में पेपरलेस कार्य शुरू हो गया है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के लिए उत्तराखंड के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में आयुष्मान भारत के अंतर्गत चार जनपदों में 7 माइक्रोसाईट चल रही है। जिसमें देहरादून हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपद में 2-2 तथा नैनीताल जनपद में एक माइक्रोसाइट चल रही है। जिनके माध्यम से तेजी से इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बनाये जा रहे हैं। यही वजह है कि कम आबादी होने के बाद भी उत्तराखंड हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज में अग्रणी राज्यों में शुमार है।

मिशन की ओर से बताया गया माइक्रो साइटस कार्यक्रम केे अंतर्गत 50 बेड से कम के अस्पताल, फार्मेसी, ब्लड बैंक, क्लीनिक आदि शामिल हैं। अभी तक 324 हास्पिटल को डिजिटाइज कर वहां पेपरलेस व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसके अलावा 1178 क्लीनिक, 4 डायलसिस सेंटर, 144 लैब, 1406 फार्मेसी तथा 4 ब्लड बैंक में पेपरलस कार्य शुरू किया गया जा चुका है।

मिशन उत्तराखंड की इस प्रगति से छोटी इकाइयों में भी लाभार्थी उपचार को जाएगा तो चिकित्सक उसके आभा नंबर पर ऑनलाइन उसकी जांच लिखेगा, लैब उसी अनुरूप जांच कर आभा में रिपोर्ट अपलोड कर देगा। चिकित्सक रिपोर्ट देखकर दवा लिखेगा और फार्मेसी भी आभा से मेडिकल हिस्टरी देखकर दवा उपलब्ध करा देंगे।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि माइक्रो साइट्स कार्यक्रम में प्रदेश की प्रगति अन्य प्रदेशों के सापेक्ष बेहतर है। हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज में भी अपेक्षित नतीजे हैं। प्राधिकरण कोे आभा आईडी बनाने का लक्ष्य तय किया है ताकि लोगों को डिजिटल माध्मम से भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाया जा सके।

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