सचमुच, ऐसी कोशिशों से ही सुधरेगी सूबे की शिक्षा व्यवस्था, जानने के लिए पढ़िएगा जरूर!

सूबे में शुरू होगी टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था

विभिन्न बोर्डों के बीच बनी सहमति, एक-दूसरे संस्थान में पढ़ायेंगे शिक्षक

कहा, सूबे में अनिवार्य रूप से लागू होंगे एनईपी-2020 के प्रावधान

राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों को निःशुल्क प्रशिक्षण देगा सीबीएसई

देहरादून: प्रदेश के नौनिहालों को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विद्यालयी शिक्षा विभाग में टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था शुरू की जायेगी। इसके लिये राज्य में संचालित विभिन्न बोर्डों के बीच शीघ्र ही अनुबंध किया जायेगा, जिसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। शैक्षणिक गतिविधियों में व्यापक सुधार के लिये सीबीएससी द्वारा राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा स्कूली बच्चों के तनाव को कम करने के उद्देश्य से बस्ते का बोझ करने के साथ ही प्रदेश के समस्त विद्यालयों में माह में एक दिन बैग फ्री डे निर्धारित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दे दिये गये हैं।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य में संचालित विभिन्न शिक्षा बोर्डों के अधिकारियों एवं निजी विद्यालयों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें नई शिक्षा नीति-2020 के महत्वपूर्ण प्रावधानों के तहत राज्य में टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। इस व्यवस्था के तहत राज्य में संचालित शिक्षा बोर्डों के विभिन्न विषयों के अच्छे शिक्षक एक-दूसरे के शिक्षण संस्थानों में पढ़ा सकेंगे, साथ ही वह प्रयोगशाला व अन्य संसाधनों का उपयोग भी कर सकेंगे। जिसका फायदा लाखों छात्र-छात्राओं को मिलेगा। डा. रावत ने बताया कि टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था को लागू करने के लिये शीघ्र ही विभिन्न शिक्षा बोर्डों के साथ अनुबंध किया जायेगा, जिसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में इस व्यवस्था के तहत जिला एवं ब्लॉक स्तर पर आस-पास के विद्यालयों का एक समूह विकसित किया जायेगा, तदोपरांत सभी विद्यालयों में इस व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा। विभागीय मंत्री डा. रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ कम कर उनके सर्वांगीण विकास की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी बोर्डों के अंतर्गत संचालित विद्यालयों में माह में एक दिन बैग फ्री डे अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। इस दिन विद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता, कृषि कार्य, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य कौशल विकास संबंधित गतिविधियां आयोजित की जायेंगी, जिसमें सभी छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। डा. रावत ने कहा कि स्कूली बच्चों के भारी-भरकम बस्तों का बोझ कम करने के लिये विभागीय अधिकारियों को कक्षावार मानक निर्धारण करने को कहा गया है।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट, निदेशक बेसिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल, अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय कुमार नौड़ियाल, वित्त नियंत्रक हेमेन्द्र प्रकाश गंगवार, उप सचिव सीबीएसई (देहरादून) राजेश कुमार गुप्ता, सचिव उत्तराखंड बोर्ड विनोद सिमल्टी, सीईओ प्रदीप कुमार रावत, प्रतिनिधि आईसीएसई बोर्ड व अध्यक्ष प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन डॉ. प्रेम कश्यप, विद्या भारती शिक्षा संस्थान के मनोज रयाल, सहित विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न निजी विद्यालयों के निदेशक व प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।

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