विभागों में समन्वय स्थापित करना संबंधित सचिव की जिम्मेदारीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने की बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को परियोजनाओं के क्रियान्वयनमें में तेजी लाने के निर्देश दिए। जो परियोजनाएं केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं, उनमें तेजी लाने के लिए केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके, संबंधित विभागों द्वारा ऐसे प्रस्ताव रेजिटेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रांश एवं राज्यांश की 90 और 10 के अनुपात वाली योजनाओं पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, उनका गहनता से अध्ययन एवं परीक्षण के साथ परियोजना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भेजा जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि विभागों को अपनी परियोजनाओं को केन्द्र सरकार में जिस विभाग को भेजा जा रहा है, संबंधित विभाग से नियमित समन्वय बना कर रखें, इसके लिए सभी विभागीय सचिव स्वयं जिम्मेदारी लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग द्वारा राज्य में मौजूद बांध एवं बैराजों की मजबूती के लिये विश्व बैंक की सहायता से 274 करोड की संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बांधों एवं बैराजों के संचालन एवं प्रबंधन में सुधार के साथ नियन्त्रण एवं निगरानी प्रणाली के आधुनिकीकरण एवं विद्युत उत्पादन में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रोक्योरमेंट प्रोसेस तथा फंडिंग एजेंसी के स्तर पर प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी ध्यान देने को कहा, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में सुगमता हो सके।

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करने के साथ पलायन रोकने में मददगार होगी। आजीविका से संबंधित गतिविधियों को बढावा देन,े फार्म मशीनरी बैंकों में महिलाओं की भागीदारी के साथ किसानों को आधुनिक कृषिकरण से जोडने में इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनहित से जुडी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में सभी संबंधित विभागों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित उत्तराखण्ड आपदा तैयारी से संबंधित परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि 1640 करोड की 06 साल की इस योजना से राज्य में जलवायु परिवर्तन एवं आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। वनाग्नि को रोकने, आपदा प्रबंधन केन्द्रों के सुदृढीकरण एवं इससे संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास में इससे मदद मिलेगी। इसके लिये मुख्यमंत्री ने प्रभावी कार्ययोजना समयबद्धता के साथ तैयार कर उसके क्रियान्वयन पर ध्यान देने को कहा।

इस अवसर पर सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत सिन्हा, श्री नीरज खेरवाल, अपर सचिव श्री मनुज गोयल, ऊर्जा के तीनों निमगों के प्रबंध निदेशक एवं संबंधित अधिकारी उपस्िित थे।

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