प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर उत्तराखंड के कोदा झंगोरा समेत अन्य स्थानीय व्यंजनों को अब कुछ इस तरह से परोसने की तैयारी है जिससे यहां के शिखरों व कंदराओं के पारंपरिक व्यंजन नई पीढ़ी को बीमार करते बर्गर पिज्जा जैसे खाद्य पदार्थों को उनकी औकात दिखा देने की स्थिति में आ जाएंगे। योजना है स्थानीय भोज्य पदार्थों का सटीक और योजनाबद्ध प्रजेंटेशन। इस काम के लिए प्रदेश में चार फूड स्ट्रीट जल्द काम करती नजर आ जाएंगी। वहीं सभी शिक्षण संस्थानों को भी ईट राइट इंडिया अभियान से जोड़ा जाएगा।
आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने उक्त योजना का कंसैप्ट क्लिीयर करते हुए संबंधित अधिकारियों को बाकायदा इसके एक्ज्यूकेशन के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। निसंदेह ही आइडिया अच्छा है और तय है कि डा रावत के दिशा निर्देशन में चलने वाले इस कार्यक्रम के परिणाम भी अकल्पनीय होंगे, साथ ही पहाड़ी मिलेट्स के पुराने वैभव व आत्म विश्वास के लौटने की भी यह प्रयास आस जगाते हैं।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने भारत सरकार द्वारा संचालित ईट राइट अभियान से प्रदेश के समस्त सरकारी शिक्षण संस्थानों को जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी राजकीय विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों, आवासीय विद्यालयों तथा डायटों आदि में संचालित कैंटीनों में हाईजीनिक फूड प्रणाली को विकसित किया जायेगा ताकि यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं प्रशिक्षुकों को स्वस्थ व स्वच्छ भोजन परोसा जा सके। इसके लिये उन्होंने विभागीय अधिकारियों को एक माह के भीतर प्रशिक्षण की ठोस कार्ययोजना तैयार कर कैंटीन संचालकों एवं भोजनमाताओं को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि हेल्दी एंड हाईजिनिक फूड स्ट्रीट्स कार्यक्रम के तहत प्रदेश के चार निगर निगमों देहरादून (तरला नागल), रूद्रपुर (मुख्य बाजार), नैनीताल (तिकोनिया चौराहा) तथा हरिद्वार (मायापुर) में फूड स्ट्रीट विकसित की जायेंगी। जिसमें स्थानीय मोटे अनाजों से तैयार भोजन को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिये भारत सरकार द्वारा एक-एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने राज्य में जनऔषिधि केन्द्रों को बढ़ावा देने के साथ ही मेडिकल स्टोंरों पर फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। इसके साथ ही राज्य में फार्मा इंडस्ट्री को बढ़ावा के लिये नई कंपनियों की स्थापना के लिये सिंगल विडो सुविधा प्रदान करने को कहा।
समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों का पावर प्वाइंट के द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्ष 2024 में अबतक ड्रग्स के 313 सैम्पल लिये गये, जिसमें से 252 मानकों पर खरे पाये गये। जबकि 64 सैम्पल मानकों से निम्न पाये गये। जिसके तहत विभाग द्वारा 6 फर्मों के विरूद्ध डी एंड सी एक्ट तथा 8 फर्मां के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की गई, जबकि 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 में खाद्य संरक्षा के तहत 1603 खाद्य पदार्थों के सैम्पल लिये गये, जिसमें से 28 सैम्पल असुरक्षित पाये गये। इसी प्रकार विभाग द्वारा चार धाम यात्रा मार्गों पर चलाये गये अभियान के तहत विभिन्न खाद्य पदार्थों के 601 सैम्पल की जांच की गई। जिसमें 529 असुरक्षित पाये गये जबकि 72 नॉन कंफर्म पाये गये।
बैठक में अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी, संयुक्त निदेशक खाद्य डॉ. आर.के. सिंह, उपायुक्त एफडीए जी.सी. कंडवाल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. नीरज कुमार, जिला अभिहित अधिकारी पी.सी जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के जिला अभिहित अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।