पत्रकारिताः खिर्सू से पहाड़ को नमस्ते करती एक सराहनीय पहल खिर्सू/पौड़ीः एक साल का समय यूं तो कहा जाता…
संपादकीय
‘प्रताप शिखर’ हेंवल से निकला साहित्य, संस्कृति, जनसेवा का एक भगीरथ!
खाड़ी! इस शब्द का उल्लेख होते ही बुद्धि सीधे बंगाल की खाड़ी दौड़ जाती है। किंतु क्षमा करें यह…
पाड़ मा राम कबि हरदा नी, अर राबण कबि म्वर्दू नी!
उमुर रै ह्वलि यि क्वी पांच छयेक साल! लम्बू कोट, झकमझोळ सुलार! रकड़म-रकड़म बड़ो दगड़ा कदमताल! बीच बाटा मा…
गढ़वाली साहित्य की ‘वसुधारा’
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य के सृजन में कई साधकों ने अपना योगदान किया। हरिदत्त देवरानी उनमें एक हैं। उन…
गढ़वाली साहित्य का ब्वाडा
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य में आज की किताब मेरो ब्वाडा है। इसके लेखक पूरन पंत पथिक जी हैं। पथिक…
गढ़वाली साहित्य सृजन का ‘उमाळ’
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य सृजन के बारे में आज की किताब का नाम उमाळ है। ये प्रयास तब हुए…
सुुदामा जी! हमारी अकर्मण्यता के कारण आपकी ‘मधु कुंज’ भी टूट गई!
कृष्ण के सुदामा हमनें नहीं देखे। वे कितने विद्धत थे हम यह भी नहीं जानते। लेकिन जो सुदामा हमारे…
साहित्य सेवा में ‘क्या गोरी क्या सौंळी’
सिंगोरी न्यूजः यहां एक ऐसे साहित्य साधक का जिक्र हो रहा है जिन्होंने वह दुरूह सफर तय किया जिसकी…
आज की किताब ”अग्याळ”
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य सृजन के साधकों को नमन करते हुए आज की पुस्तक अग्याळ है। अग्याळ एक कविता…
गढ़वाली भाषा का साहित्य, एक प्रयास
सिंगोरी टाइम्स, गढ़वाली साहित्य की दिशा में जो प्रयास हुए हैं निसंदेह ही वह काबिले तारीफ भी हैं और…
ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
एक बूँदज्यों निकल कर बादलों की गोद सेथी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी।सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,आह…
साहित्यः आज सड़कों पर
आज सड़कों पर लिखे हैं सैकड़ों नारे न देख,पर अँधेरा देख तू आकाश के तारे न देख। एक दरिया…
मिन भी लाइव औण
————- वीरेन्द्र पंवारजै दिन अंधेरी का यु काळा दिन चौळ जाला,जै दिन यु खुट्टौ का छाळा मौळ जाला,मिन भी…
धन्यवाद कहें या साधुवाद ?
हिन्दी भाषियों के मन में कई बार ये सवाल उठता है कि धन्यवाद और साधुवाद में क्या अन्तर है…
चालाक और धूर्त लोगों के समक्ष मैंने अपने को हमेशा बौना पाया
बहुमुखी प्रतिभा के धनी आदरेय श्री बी. एल. दनोसी !श्री बी. एल. दनोसी !! इन नामाक्षरों पर कतिपय अक्षर…
दुखदः पद्मश्री साहित्यकार गिरीराज किशोर नहीं रहे
सिंगोरी न्यूजः पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार गिरिराज किशोर का रविवार सुबह उनके निवास पर निधन हो गया।वे हिन्दी…
ईश्वर से भेंट वार्ता लेखक खगेंद्र ठाकुर नहीं रहे…
हिंदी साहित्य जगत के एक शसख्त हस्ताक्षर प्रसिद्ध आलोचक खगेंद्र ठाकुर अब नहीं रहे। सोमवार को पटना के एम्स…
सेल्फी कल्चर को धिक्कारता एक जज्बा
रमेश नेगी उत्तरकाशी में बादल फटा, धुमाकोट के अंदरोली में जो बस खाई में गिरी आपदा आ गई। लेकिन…