देहरादून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बाद अब राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में भी विभिन्न संकायों की तीन फैकल्टी तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। कॉलेज में मेडिकल फैकल्टी व मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति से चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन संबंधी गतिविधियों में तेजी आयेगी साथ ही मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा।
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा लगातार किये जा रहे हैं। जिसके तहत राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकायों में रिक्त पदो के सापेक्ष तीन असिस्टेंट प्रोफेसर तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को राज्य सरकार ने मंजूरीप्रदान की है। जिसमें एनाटॉमी विभाग के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. राजेश कुमार मौर्य, एनेस्थिसियालॉजी में डॉ. गुंजन विश्नोई तथा ऑब्स एंड गायनी में डॉ. शैलजा निमेश्वरी शामिल है। इसी प्रकार बर्न यूनिट में मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ. मनीष कुमार तथा डॉ. रिशा भारती शामिल है। सभी अभ्यथियों का चयन हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित साक्षात्कार समिति ने वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों को संविदा के आधार पर मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति प्रदान की गई है। चयनित फैकल्टी तथा मेडिकल ऑफिसर को तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये नियुक्त किया गया है। मेडिकल फैकल्टी व मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति से दून मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कार्यक्रमों को गति मिलेगी साथ ही सम्बद्ध चिकित्सालय में मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा।
इससे पहले सरकार द्वारा हल्द्वानी मेडिल कॉलेज में एक दर्जन फैकल्टी तथा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में चार मेडिकल फैकल्टी तथा दो कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर को नियुक्ति दी गई।
“राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर करने के क्रम में दून मेडिकल कॉलेज में भी संकाय सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जिसका लाभ मेडिकल छात्र-छात्राओं सहित अस्पताल में आने वाले मरीजों को अवश्य मिलेगा।”
– डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।